अभी नहीं बढ़ेंगे रसोई गैस और किरोसीन के दाम

पटना : केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने आम आदमी को राहत देने की कोशिश की है. महंगाई की मार झेल रही जनता को फिलहाल रसोई गैस और केरोसीन के दाम में बढ़ोत्तरी नहीं करने के संकेत देकर प्रधान ने बड़ी राहत दी है. ... उन्होंने कहा है कि रसोई गैस और केरोसीन के दाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2014 7:41 AM
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पटना : केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने आम आदमी को राहत देने की कोशिश की है. महंगाई की मार झेल रही जनता को फिलहाल रसोई गैस और केरोसीन के दाम में बढ़ोत्तरी नहीं करने के संकेत देकर प्रधान ने बड़ी राहत दी है.

उन्होंने कहा है कि रसोई गैस और केरोसीन के दाम में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि कीमत वृद्धि से जनता के प्रभावित होने को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया गया है. प्रधान ने पटना में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने रसोई गैस और केरोसीन की कीमतें नहीं बढाने का निर्णय किया है. इससे मध्यम वर्ग के लोगों और जो लोग केरोसीन का इस्तेमाल करते हैं उन्हें लाभ पहुंचेगा.

भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन इसमें भाग लेने पटना आए प्रधान ने यह भी कहा कि पेट्रोल के दाम बाजार मूल्य के अनुसार निर्धारित होते रहेंगे. उन्होंने कहा कि पेट्रोल के दाम का बाजार से सीधा संबंध है और वे उसके अनुसार निर्धारित होगा. इराक समस्या के कारण पेट्रोल के दाम भारत में कुछ बढे हैं.

भविष्य में कोई तेल के कारण कोई झटका नहीं लगने के प्रति आशांवित प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रपये की स्थिति बेहतर हुई है जो कि अच्छे संकेत हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे, रक्षा, उद्योग और अन्य बडे उभोक्ताओं के लिये डीजल के मूल्य में शुल्क में कटौती के बाद करीब एक रपये की कमी आयी है. धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि केंद्र सरकार की बिहार के बरौनी, झारखंड के सिंदरी, पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित उर्वरक कारखानों को हल्दिया-जगदीशपुर गैस पाइप लाइन परियोजना के तहत पुनर्जीवित करने की योजना है.

उन्होंने कहा कि भारतीय गैस प्राधिकरण लि. गैस पाईप लाईन परियोजना के लिए दो मुख्य ग्राहक (एंकर कस्टमर) चाहते थे. हम इन उर्वरक प्लांट के रुप में इन चारों को देने पर विचार कर रहे हैं. हमारा मंत्रालय और रसायन एवं उर्वरक मंत्रलय इसपर काम कर रहा है. प्रधान ने कहा कि उर्वरक कारखानों की सभी मशीनें पिछले दो अथवा तीन वर्षो से बेकार पडी हैं. ऐसे में इन्हें बदलने की जरुरत पड सकती है. कुल मिलाकर इन कारखानों को फिर से शुरु करने के लिये 7,000 से 8,000 करोड रुपये की लागत आएगी.

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