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ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि चीन समझौता करना चाहता है. यह कई दशकों में उनका सबसे बुरा साल है. यह और बुरा होने वाला है. हजारों कंपनियां चीन छोड़ रही हैं. वे समझौता करना चाहते हैं. मैं समझौते के लिए तैयार नहीं हूं. दोनों देशों के बीच पिछले साल नवंबर में व्यापार वार्ता की शुरुआत हुई. अब तक दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई सार्थक परिणाम सामने आ नहीं सका है.
हालांकि, दोनों देशों के बीच नवंबर में वार्ता शुरू होने के बाद 100 दिनों के भीतर समझौते पर पहुंचने की सहमति बनी थी. इससे पहले इसी सप्ताह अमेरिका ने चीन को मुद्रा में हेरफेर करने वाला देश घोषित किया है. पिछले कुछ दिनों के दौरान ट्रंप ने कहा कि यदि उनकी चिंताओं को दूर करने के दिशा में कदम नहीं उठाये गये, तो वह चीन के खिलाफ और कार्रवाई करने वाले हैं. ट्रंप अक्सर चीन के वादे और प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने वाले देश के तौर पर आलोचना कर चुके हैं.
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