रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट : वित्त वर्ष 2018-19 में 71,543 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी

मुंबई : देश में पिछले साल बैंकों द्वारा सूचित धोखाधड़ी के मामलों में सालाना आधार पर 15 फीसदी वृद्धि हुई, जबकि धोखाधड़ी की राशि 73.8 फीसदी बढ़कर 71,542.93 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी. आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में यह आंकड़ा दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2019 8:44 PM
an image

मुंबई : देश में पिछले साल बैंकों द्वारा सूचित धोखाधड़ी के मामलों में सालाना आधार पर 15 फीसदी वृद्धि हुई, जबकि धोखाधड़ी की राशि 73.8 फीसदी बढ़कर 71,542.93 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी. आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में यह आंकड़ा दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र ने 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों को रिपोर्ट किया. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 5,916 मामलों का था और इसमें धोखाधड़ी की राशि 41,167.04 करोड़ रुपये थी.

इसे भी देखें : लाखों रुपये की बैंक धो‍खाधड़ी के आरोप मेें वैशाली से दो गिरफ्तार

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले. इसके बाद निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों का स्थान रहा. रिपोर्ट में कहा गया है कि धोखाधड़ी होने और बैंकों में उसका पता लगने के बीच की औसत अवधि 22 महीने की रही.

इसमें कहा गया है कि बड़ी धोखाधड़ी के मामलों यानी 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामलों के होने और उनका पता लगने का समय औसतन 55 महीने रहा है. इस दौरान 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की राशि 52,200 करोड़ रुपये रही.

रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले अग्रिम राशि से जुड़े रहे हैं. इसके बाद कार्ड, इंटरनेट और जमा राशि से जुड़े धोखाधड़ी के मामले सामने आये हैं. वर्ष 2018-19 में कार्ड, इंटरनेट और जमा राशि से जुड़े धोखाधड़ी राशि कुल धोखाधड़ी के समक्ष मात्र 0.3 फीसदी रही है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version