उन्होंने कहा कि 5जी तकनीक को लेकर बहस जारी है, लेकिन मेरा विचार है कि इसके कुछ क्षेत्रों को हमें भारतीय तकनीक से विकसित करना आवश्यक है, ताकि देश को आगे ले जाया जा सके. उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य मुल्कों के मुकाबले हमारे देश में डेटा की कीमत बहुत कम और खपत बहुत ज्यादा है. पिछले तीन साल में देश की डेटा की खपत तेजी से बढ़ी है.
कांत ने 5जी तकनीक के फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे डेटा का बहाव बढ़ेगा और लोगों की जिंदगी आसान हो जायेगी. कांत ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सरकार के आईटी विभाग को डेटा विश्लेषकों और डेटा वैज्ञानिकों की तादाद बढ़ाने के काम को अभियान की तरह हाथ में लेना चाहिए.
डेटा पर उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर जारी बहस पर कांत ने कहा कि जो डेटा हम इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पर संबंधित उपभोक्ता का ही अधिकार होना चाहिए, लेकिन कुछ डेटा ऐसे भी होते हैं, जिन्हें साझा करने से कोई नुकसान नहीं है. हर तरह के डेटा पर संपूर्ण नियंत्रण नहीं किया जा सकता. उन्होंने हालांकि कहा कि कई तरह के डेटा गम्भीर प्रकृति के होते हैं. मसलन लोगों के स्वास्थ्य का डेटा. ये डेटा देश में ही रहने चाहिए.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.