देशपांडे ने कहा कि सिंगापुर द्वारा अपने नागरिकों को तीन प्रकार के वाउचर कैश, मेडिसेव और यू-सेव उपलब्ध कराए जाते हैं. देशपांडे ने समझाते हुए कहा कि कैश वाउचर से नकदी की तात्कालिक जरूरत को पूरा किया जाता है. मेडिसेव वाउचर सिंगापुर के 65 साल और उसके अधिक की उम्र के लोगों को उपलब्ध कराये जाते हैं. इसमें उनके केंद्रीय भविष्य निधि मेडिसेव खाते पर टॉप अप के जरिये उनके चिकित्सा खर्च को पूरा किया जाता है. यू-सर्विस के तहत निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के परिवारों को उनके बिलों पर तिमाही आधार पर कुछ छूट दी जाती है.
देशपांडे ने कहा कि भारत जैसे देश में निम्न और मध्यम आय वर्ग की बड़ी आबादी है. इसका उन पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी वाउचर योजना से भारत कर दरों में अंतर को पाट पायेगा. इसके अलावा, ऐसी योजना के जरिये वाउचर का लाभ लेने को कर अनुपालन भी सुनिश्चित होगा. सिंगापुर के अंतर्देशीय राजस्व प्राधिकरण (आईआरएएस) के अनुसार, देश में जीएसटी को बहुचरण के कर के रूप में लागू किया जाता है. इसमें उत्पादन और वितरण शृंखला के प्रत्येक चरण में कर लिया जाता है.
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