बैंकॉक में आसियान की हालिया बैठक में भारत ने आरसीईपी में शामिल नहीं होने की घोषणा की थी. वहीं, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और आसियान के सदस्यों सहित 15 देशों में करार के लिए सहमति बनी थी, लेकिन भारत उसकी चिंताओं का समाधान नहीं हो पाने की वजह से समझौते पर हस्ताक्षर के लिए सहमत नहीं हुआ. भारत की चिंता है कि चीन के प्रभुत्व वाले आरसीईपी से उसके किसानों और छोटे उद्योगों को नुकसान पहुंचेगा.
हीन ने दक्षिण एशियाई प्रवासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा पहले से आसियान-भारत शुल्क मुक्त व्यापार करार है. यह 2010 से अस्तित्व में है. हालांकि, क्षेत्र में अभी और संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर हमारे राष्ट्रीय एकल खिड़की मंच को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे सीमापार व्यापार सूचनाओं का डिजिटल तरीके से आदान प्रदान किया जा सकेगा.’ उन्होंने इस संबंध में भारत के रुपे और सिंगापुर के एनईटीएस के बीच गठबंधन का उदाहरण देते हुए कहा कि सीमा पार भुगतान की सुविधा के लिए पिछले साल इसकी शुरुआत की गयी.
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