एआईबीओसी के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त के साथ सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा रही. इसीलिए कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल नोटिस को वापस नहीं लिया है. बैंक कर्मचारियों के वेतन संशोधन का मामला नवंबर, 2017 से लंबित है. एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने एक बयान में कहा कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की तरफ से कोई स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं जतायी गयी है. इस कारण हड़ताल को लेकर दिया गया नोटिस कायम है.
उन्होंने कहा कि आईबीए के अड़ियल रुख के कारण हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. हड़ताल के कारण कामकाज प्रभावित होगा. इसको देखते हुए बैंक ग्राहकों से सहयोग की अपील करते हैं, लेकिन इसे हम पर बैंक प्रबंधन और आईबीए ने थोपा है.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत कई बैंकों ने ग्राहकों को सूचित किया है कि 31 जनवरी से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से कामकाज कुछ हद तक प्रभावित होगा. अगर प्रस्तावित हड़ताल होती है, तो यह बजट सत्र शुरू होने के साथ होगी. 2020-21 का बजट एक फरवरी को पेश किया जायेगा.
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