भारत ने विनिर्माण व सेवा क्षेत्र में चीन को पछाडा : एचएसबीसी

नयी दिल्ली : भारत ने नवंबर में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर में चीन को पीछे छोड दिया. हालांकि, उभरते बाजार के उत्पादन में लगातार दूसरे महीने गिरावट आयी और यह छह माह के निचले स्तर पर आ गया. यह बात आज एचएसबीसी के सर्वेक्षण में कही गयी.... एचएसबीसी के मासिक पीएमआई सर्वेक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2014 12:10 PM
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नयी दिल्ली : भारत ने नवंबर में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर में चीन को पीछे छोड दिया. हालांकि, उभरते बाजार के उत्पादन में लगातार दूसरे महीने गिरावट आयी और यह छह माह के निचले स्तर पर आ गया. यह बात आज एचएसबीसी के सर्वेक्षण में कही गयी.

एचएसबीसी के मासिक पीएमआई सर्वेक्षण से मिले इस संकेतक के मुताबिक एचएसबीसी उभरते बाजार का सूचकांक (ईएमआई) लगातार दूसरे माह घटकर 51.2 पर आ गया जिससे इस क्षेत्र में मई के बाद सबसे कम वृद्धि का संकेत मिलता है. एचएसबीसी ने कहा कि ईएमआई अपने दीर्घकालिक रझान 53.7 के स्तर से कम रहा क्योंकि उभरते बाजारों में विनिर्माण और सेवा प्रदाताओं दोनों क्षेत्र में नवंबर में नरम और समान उत्पादन वृद्धि दर्ज की गयी.

एचएसबीसी ने एक रपट में कहा कि नवंबर 2005 में शुरू होने के बाद सूचकांक के लिए 2014 औसतन न्यूनतम स्तर रहेगा. चार सबसे बडी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से स्पष्ट है कि नवंबर में परस्पर विरोधी रुझान रहा. चीन ने लगातार सातवें महीने वृद्धि दर्ज की जबकि भारत ने जून से अब तक की सबसे अधिक तेजी दर्ज की.

रुस और ब्राजील ने हालांकि, नवंबर के दौरान भारी गिरावट दर्ज की. नवंबर के दौरान भारत के लिए एचएसबीसी कम्पोजिट सूचकांक 53.6 रहा जबकि चीन के लिए 51.1 और ब्राजील के लिए 48.1 एवं रुस के लिए 47.6 रहा. सूचकांक का 50 से उपर होना वृद्धि का सूचक है.

मार्किट के मुख्य अर्थशास्त्री क्रिस विलियमसन ने कहा कि रुस और ब्राजील में नरमी चिंताजनक तरीके से बढ रही है और चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में नरमी बरकरार है. नवंबर में सिर्फ भारत में वृद्धि दर्ज हुई. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर उभरते बाजारों में नवंबर के दौरान गिरावट बरकरार है.

एचएसबीसी उभरते बाजार का भावी उत्पादन सूचकांक नये रिकार्ड स्तर पर गिर गया. यह सूचकांक अगले 12 महीने की संभावनाओं का आकलन करता है. चारों उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अगले 12 महीने के लिए नरमी के रुझान का संकेत है. सबसे अधिक रुस एवं ब्राजील में नरमी का रुझान दर्ज हुआ है जबकि चीन में सबसे कम उत्पादन संभावना दर्ज हुई है.

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