Vodafone व अन्य कंपनियों पर फैसले को चुनौती नहीं देगी सरकार

नयी दिल्ली : विदेशी निवेशकों को लुभाने की कवायद के तहत सरकार ने वोडाफोन से संबंधित ट्रांसफर प्राइसिंग मामले में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती नहीं देने का आज फैसला किया. इसके अलावा शेल जैसी अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ ट्रांसफर प्राइसिंग विवाद में भी सरकार यही रूख अपनायेगी. दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2015 10:09 PM
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नयी दिल्ली : विदेशी निवेशकों को लुभाने की कवायद के तहत सरकार ने वोडाफोन से संबंधित ट्रांसफर प्राइसिंग मामले में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती नहीं देने का आज फैसला किया. इसके अलावा शेल जैसी अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ ट्रांसफर प्राइसिंग विवाद में भी सरकार यही रूख अपनायेगी. दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आज कहा कि सरकार वैश्विक निवेशकों को स्पष्ट व सकारात्मक संकेत देना चाहती है कि उसके फैसले ‘उचित व पारदर्शी तथा कानूनी दायरे’ में होंगे.

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया, ‘सरकार बंबई उच्च न्यायालय के 10 अक्तूबर के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील नहीं करेगी.’ बंबई उच्च न्यायालय ने 3,200 करोड रुपये के कर मामले में कंपनी के पक्ष में फैसला दिया था. ‘निरर्थक कानूनी विवादों’ को विरासत की देन बताते हुए प्रसाद ने कहा, ‘सरकार दुनिया भर के निवेशकों को यह स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि इस सरकार में फैसले उचित और पारदर्शी तथा कानून की हद में होंगे. हमने निवेशकों को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है.’

सरकार के इस फैसले का असर अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों मसलन नीदरलैंड की कंपनी शेल के मामले पर भी पडेगा. बंबई उच्च न्यायालय ने ट्रांसफर प्राइसिंग मामले में शेल के पक्ष में फैसला दिया था. वोडाफोन के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम भारत सरकार के ट्रांसफर प्राइसिंग मामले में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती नहीं देने के निर्णय का स्वागत करते हैं. वोडाफोन जैसे दीर्घावधि के निवेशकों के लिए कर मामलों में स्थिरता व विश्वसनीयता काफी महत्वपूर्ण है.’ वोडाफोन मामले में अपील नहीं करने का फैसला अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी की राय के बाद पर किया गया है.

रोहतगी ने आयकर विभाग को सलाह दी थी कि वह वोडाफोन मामले में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करे. उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने 10 अक्तूबर 2014 को अपने आदेश में मोबाइल सेवा कंपनी वोडाफोन को बडी राहत देते हुए कहा कि वह ट्रांसफर प्राइसिंग के तहत 3200 करोड रुपये के कर की देनदार नहीं है. आयकर विभाग ने कंपनी पर आरोप लगाया था कि उसने अपनी अनुषंगी वोडाफोन इंडिया के शेयरों को ब्रिटेन की पैतृक कंपनी को स्थानांतरित करते समय उनका मूल्य कम रखा था.

विभाग ने कंपनी से अतिरिक्त आयकर की मांग की थी. केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले के अन्य मामलों पर असर के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि उनके अध्ययन के बाद ही फैसला किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि सत्तारुढ भाजपा तथा इसके नेता अपने चुनावी घोषणा पत्र सहित पहले ही कह चुके हैं कि उनकी सरकार उस ‘कर आतंकवाद’ को समाप्त करेगी जिसमें पूर्व सरकार संलिप्त थी.

प्रसाद ने कहा कि वित्तमंत्री अरूण जेटली ने सीबीडीटी, अटार्नी जनरल व सालिस्टिर जनरल के साथ विचार विमर्श किया और पाया कि बंबई उच्च न्यायालय की राय सही है. उन्होंने कहा, ‘पहले भी इस तरह के निरर्थक कानूनी विवाद से बचा जा सकता था.’ प्रसाद ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका नहीं दाखिल करने का फैसला पूरी सोच समझ से किया है. उन्होंने कहा, ‘दूरसंचार व वित्तीय क्षेत्र में यह यह विरासत में मिला मुद्दा है.’ उन्होंने कहा, ‘हम इस पुरानी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.’

मंत्री ने कहा कि बहुत ही अस्थिर कर नीति के कारण पहले निवेशकों के विश्वास को झटका लगा जहां कि निवेशकों व सरकारों के विचार टकराहट वाले थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने अब अपने इस फैसले से, ‘हमने एक तरह से यह संकेत दिया है कि जहां आयकर देनदारी स्पष्ट व साफ है, इसे वसूला जाएगा, जहां इसे बिना किसी कानूनी अधिकार के ज्यादा खींचा गया है, सरकार का रवैया न्यायोचित रहेगा. यह हमारे उचित रूख को दिखाता है.

सरकार कह चुकी है कि बडे पैमाने पर विदेशी निवेश जुटाने की मंशा रखती है और वह विदेशी निवेशकों को बता रही है कि वह अनुकूल तथा पारदर्शी कर प्रणाली अपनाएगी. वोडाफोन का मौजूदा मामला वाडाफोन की भारतीय अनुषंगी वोडाफोन इंडिया के शेयरों को ब्रिटेन की अपनी पैतृक कंपनी को हस्तांतरित करते समय लगायी गयी कीमत से जुडा है. वोडाफोन ने ट्रांसफर प्राइसिंग मामले में अपने खिलाफ आयकर विभाग के आदेश को चुनौती देते हुए 27 जनवरी को बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

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