विकास के लिए राज्‍यों के बीच हो स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्द्घा : नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नवगठित नीति आयोग की पहली बैठक में देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति और इसकी नीतिगत आवश्यकताओं पर उनके विचार जानने के लिए चर्चा की. इसमें अर्थशास्त्रियों ने सरकार को ऊंची वृद्धि दर, विश्वसनीय कर व्यवस्था, राजकोषीय मजबूती व बुनियादी ढांचा विकास पर काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2015 9:11 AM
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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नवगठित नीति आयोग की पहली बैठक में देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति और इसकी नीतिगत आवश्यकताओं पर उनके विचार जानने के लिए चर्चा की. इसमें अर्थशास्त्रियों ने सरकार को ऊंची वृद्धि दर, विश्वसनीय कर व्यवस्था, राजकोषीय मजबूती व बुनियादी ढांचा विकास पर काम करने का सुझाव दिया. चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारी संघवाद पर जोर दिया.

उन्‍होंने कहा कि वह विकास के लिए राज्‍यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के पक्ष में हैं. मोदी ने कहा, ‘भारत को मौजूदा वैश्विक आर्थिक माहौल का लाभ उठाते हुए तेजी से विकास करना चाहिए ताकि जनता की आकांक्षाएं पूरी की जा सकें.’ उनका इशारा लगभग छह साल के निचले स्तर पर आ चुकी कच्चे तेल की कीमतों तथा अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आई सुस्ती की ओर था, जिससे भारत के लिए अवसर उपलब्ध हुए हैं.

प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था की स्थिति, राजस्व संग्रहण बढाने, खर्च को तर्कसंगत बनाने तथा देश को उंची वृद्धि की राह पर वापस लाने पर अर्थशास्त्रियों से सुझाव मांगें. उन्‍होंने कहा कि नीति आयोग (भारत-परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय संस्थान) के गठन का उद्देश्य उच्चस्तर की एक गतिशील संस्थागत व्यवस्था करना है जहां सरकारी प्रणाली के बाहर के प्रबुद्ध लोग भी नीति निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘नीति आयोग ने आज बैठक आयोजित की. कुछ प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ यह बैठक अर्थव्यवस्था की स्थिति और निवेश तथा वृद्धि दर तेज करने के उपायों पर चर्चा व आम बजट को लेकर कुछ विशेष सुझावों पर थी.’ जेटली 2015-16 का बजट 28 फरवरी को पेश करेंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि नीति आयोग एक बौद्धिक संस्थान भी है.

आज की बैठक इसी संदर्भ में थी. बैठक में मौजूद अर्थशास्त्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को ऊंची वृद्धि के लिए काम करना चाहिए. साथ ही उसे भरोसेमंद कर व्यवस्था, राजकोषीय मजबूती व तेज बुनियादी ढांचा विकास के लिए काम करना चाहिए. बैठक में विजय केलकर, नितिन देसाई, बिमल जालान, राजीव लाल, आर वैद्यनाथन, सुबीर गोकर्ण, पार्थासारथी शोम, पी बालकृष्णन, राजीव कुमार, अशोक गुलाटी, मुकेश भूटानी तथा जी एन वाजपेयी जैसे अर्थशास्त्रियों ने अपने विचार साझा किए.

इसके अलावा अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में भी कई अन्य सुझाव आए. इनमें कृषि क्षेत्र के अलावा गरीबी उन्मूलन के बारे में सुझाव शामिल हैं. विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह बैठक करीब तीन घंटे तक चली. नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया व दो पूर्णकालिक सदस्य बिवेक देवराय व वी के सारस्वत भी बैठक में मौजूद थे.

मोदी ने बैठक में सरकार की हाल की पहलों मसलन प्रधानमंत्री जनधन योजना, एलपीजी सब्सिडी की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना तथा स्वच्छ भारत अभियान के बारे में बताया. इस बारे में जानकारी देते हुए जेटली ने कहा कि बुनियादी ढांचा वित्तपोषण, कैसे निवेश आकर्षित किया जाए और घरेलू बचत को प्रोत्साहन दिया जाए तथा कृषि क्षेत्र की स्थिति के बारे में भी सुझाव दिये गये. आयोग की सीईओ सिंधूश्री खुल्लर ने नये निकाय की अवधारणा के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया.

नीति आयोग की संचालन परिषद की पहली बैठक प्रधानमंत्री ने 8 फरवरी को बुलाई है. संचालन परिषद में राज्‍यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा सभी संघ शासित प्रदेशों के राज्यपाल शामिल हैं. परिषद की पहली बैठक में दक्ष प्रक्रियाओं की स्थापना व केंद्र व राज्‍यों तथा नीति आयोग के बीच बातचीत के तंत्र पर और सुझाव आएंगे.

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