बजट में रोजगार बाजार को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद

नयी दिल्ली : रोजगार बाजार को बढावा देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली को आम बजट में ज्यादा लोगों को औपचारिक क्षेत्र में शामिल करने और श्रम सुधार शुरु करने के लिए पहलों की घोषणा करनी चाहिए. मानव संसाधन (एचआर) विशेषज्ञों ने यह राय जताई है. पिछले साल बजट में सरकार ने कौशल विकास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2015 11:40 AM
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नयी दिल्ली : रोजगार बाजार को बढावा देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली को आम बजट में ज्यादा लोगों को औपचारिक क्षेत्र में शामिल करने और श्रम सुधार शुरु करने के लिए पहलों की घोषणा करनी चाहिए. मानव संसाधन (एचआर) विशेषज्ञों ने यह राय जताई है. पिछले साल बजट में सरकार ने कौशल विकास पर जोर दिया था जबकि मेक इन इंडिया अभियान से रोजगार बाजार में वृद्धि के लिए और पहल किए जाने की उम्मीद बढ गई है.इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (भारत में रोजगार उद्योग की शीर्ष संस्था) की अध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘क्षमता से कम प्रदर्शन कर रहा श्रम बाजार सरकार के लिए एक मौका है कि इस बजट में रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जाए.’’ फिलहाल श्रम बाजार में 94 प्रतिशत लोग अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं जिन्हें कोई सामाजिक सुरक्षा और लाभ नहीं मिलता.

चक्रवर्ती रोजगार से जुडी कंपनी टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक भी हैं. उन्होंने कहा ‘‘इसके लिए 44 श्रम कानूनों को पांच श्रम संहिताओं में तब्दील करने की जरुरत है ताकि जटिलता कम की जा सके और अमल बढाया जा सके.’’ उन्होंने कहा कि पांच श्रम संहिताओं को तुरंत लागू कर अनुबंध रोजगार का अनुपात 29 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने से औपचारिक क्षेत्र में रोजगार के मौके ज्यादा पैदा करने और अनौपचारिक कर्मचारियों की तादाद में तेजी से कमी लाने में मदद मिलेगी. एक प्रमुख रोजगार पोर्टल मॉन्स्टर.कॉम के संजय मोदी ने कहा ‘‘देश को बजट में आर्थिक, औद्योगिक और राजकोषीय मोर्चे पर आम बजट में सुधार की उम्मीद है. हमें सरकार से कुछ बडे कदम उठाए जाने की उम्मीद है जिससे देश में रोजगार के हालात सुधरें.’’ विशेषज्ञों के मुताबिक बाजार में फिलहाल बहुत सकारात्मकता है और कंपनियां बेहतरीन प्रतिभाओं को नियुक्त करने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा मुश्किल दौर से गुजर रहे वाहन, विनिर्माण, विमानन जैसे क्षेत्रों को आवश्यक प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है.

एंटल इंटरनेशनल नेटवर्क इंडिया के प्रबंध निदेशक जोसफ देवासिया ने कहा, ‘‘मेक इन इंडिया जैसी पहलों के कारण सरकार महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार ला सकती है जिससे विदेशी निवेश आकर्षित होगा और फलस्वरुप रोजगार बाजार को प्रोत्साहन मिल सकता है.’’ विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विशाल निवेश होगा जिससे तय अवधि के अनुबंध आधारित समेत अतिरिक्त रोजगार पैदा होंगे. बिजली क्षेत्र में निवेश से भी ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन होने की उम्मीद है और प्रौद्योगिकी कंपनियों में ठेके पर नियुक्ति का अनुपात बढ सकता है.

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