भारत के सुधारों में विश्वास का प्रतीक है मूडीज का ताजा दृष्टिकोण : मुख्‍य आर्थिक सलाहकार

नयी दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रमणियन ने आज कहा कि भारत के वित्तीय साख परिदृश्य को ‘स्थिर’ से बढाकर ‘सकारात्मक’ श्रेणी में रखने के क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के निर्णय को सरकार के सुधार कार्यक्रमों और राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की योजना में भरोसा का प्रमाण बताया है. सुब्रमण्‍यम ने उम्मीद जतायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2015 4:09 PM
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नयी दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रमणियन ने आज कहा कि भारत के वित्तीय साख परिदृश्य को ‘स्थिर’ से बढाकर ‘सकारात्मक’ श्रेणी में रखने के क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के निर्णय को सरकार के सुधार कार्यक्रमों और राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की योजना में भरोसा का प्रमाण बताया है. सुब्रमण्‍यम ने उम्मीद जतायी है कि निकट भविष्य में ही भारत की साख के स्तर में भी सुधार की घोषणा होगी.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मूडीज की भारत के बारे में ताजा राय आर्थिक सुधारों पर सरकार के बल, बेहतर वृद्धि, वृहद आर्थिक परिदृश्य तथा सार्वजनिक निवेश और राजकोषीय अनुशासन संबंधी बजट की रणनीति में भरोसे का प्रतीक है. इससे इस बात की पुष्टि होती है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर और वृहद आर्थिक संभावनाओं में सुधार हो रहा है.’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि मूडीज भारत की वित्तीय साख को भी बेहतर श्रेणी में रखेगी, जो अभी ‘बीएए-3’ है.

साख का वर्तमान स्तर ‘जंक’ श्रेणी से केवल एक पायदान उपर है. यह निवेश की दृष्टि से निम्न कोटि की रेटिंग है. मुख्य आर्थिक सहालकार ने कहा सरकार का ध्यान अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए हर आवश्यक कदम उठाने की तरफ है और हमें उम्मीद है कि हमारी साख का स्तर निवेश की दृष्टि से बेहतर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि असामयिक वर्षा से फसलों को नुकसान जरुर हुआ है, लेकिन इससे महंगाई में यदि बढोतरी होती है, तो वह कम समय के लिए ही होगी.

उन्होंने कहा, ‘हमारे कृषि जिंसो के मूल्य में मेरी राय से बेमौसमी बरसात के कारण क्षणिक तेजी आयी है, लेकिन उम्मीद यही है कि यह मध्यकालिक मुद्रास्फीति की प्रत्याशिओं पर लंबे समय तक असर नहीं डालेगी क्योंकि इस साल मानसून बेहतर रहने की भविष्यवाणी की गयी है और मुझे लगता है कि इससे मौजूदा कमी दूर होगी.’

जीडीपी गणना के बारे में उन्होंने कहा कि हमें इन्ही आंकडों के साथ चलना होगा. मेरी राय में प्रक्रिया बहुत अच्छी है, लेकिन जीडीपी जैसे कुछ आंकडे हैं, जिन्हें हमें बेहतर ढंग से समझने की जरुरत है. सुब्रमण्यम ने उम्मीद जाहिर की कि चालू वित्त वर्ष में आठ से साढे आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में हमारा विश्वास पहले की तुलना में बढा है.

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