उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक कर विभाग को करों का संग्रह करना होता है. मुझे नहीं लगता कि इस बारे में कोई संदेह हो सकता है. विभाग का काम ही कर संग्रह करना है और करों की अदायगी भी तकलीफदेह काम है क्योंकि हर किसी को लगता है कि उसकी गाढी मेहनत की कमाई उससे ली जा रही है.’ कपूर ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘हम किसी की कर की जिम्मेदारी तो नहीं उठा सकते पर अब विभाग का प्रयास है कि ऐसा वातावरण बने जहां हम कर भुगतान की प्रक्रिया इतनी आसान कर सके कि अनुपालन का खर्च और कर अदायगी से जुडी दिक्कतें पूरी तरह से खत्म हो जायें.’
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, ‘करदाताओं को हर सुविधाएं मिली चाहिए ताकि वे आसानी से कानून का पालन कर सकें. उन्हें यह सुविधा भी मिलनी चाहिए कि उनकी शिकायतों का कम समय में निपटारा हो सके.’ कपूर ने कहा कि सीबीडीटी की इच्छा है कि यदि एक करदाता अपनी देनदारियों के बारे में समझने के लिए कुछ मदद चाहता है कि कर अधिकारियों को उसे ठीक से समझाने के लिए वहां होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘करदाता को जहां तक संभव हो सके, कर विभाग के कार्यालय पर नहीं बुलाया जाना चाहिए क्योंकि इससे अनुपालन का खर्च बढता है. उदाहरण के तौर पर एक वेतनभोगी कर्मचारी को इसके लिए छुट्टी लेनी पडती है या एक छोटे कारोबारी को अपनी दुकान बंद करनी पडती है.’ कपूर ने कहा कि करदाताओं को उनका रिफंड आनलाइन मिलना चाहिए.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.