NTPC के कोयला भंडार में लगी आग, खतरे में झारखंड का बड़कागांव

झारखंड के हजारीबाग जिला के बड़कागांव में स्थित एनटीपीसी के कोयला भंडार में आग लग गयी है. हालांकि, अभी यह आग नजदीक के गांवों या आसपास की कॉलोनियों तक नहीं पहुंची है. इस खनन क्षेत्र के आसपास के कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों के साथ संबंधित कंपनी का कहना है कि यह आग लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2020 1:58 PM
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बड़कागांव : झारखंड के हजारीबाग जिला के बड़कागांव में स्थित एनटीपीसी के कोयला भंडार में आग लग गयी है. हालांकि, अभी यह आग नजदीक के गांवों या आसपास की कॉलोनियों तक नहीं पहुंची है. इस खनन क्षेत्र के आसपास के कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों के साथ संबंधित कंपनी का कहना है कि यह आग लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकती है.

कंपनी के पीआरओ विजय जुवैल ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनटीपीसी के पकरी बरवाडीह कोयला खनन परियोजना में खनन कार्य को रोके जाने के कारण खदान से निकालकर रखे गये कोयले के भंडार में आग लग गयी है.

बताया गया है कि चिरुडीह कोयला खदान से निकाले गये कोयला के डंप में आग लगी है. जगह-जगह ले धुआं उठ रहा है. अगर जल्द ही कोयले को नहीं हटाया गया, तो आग विकराल रूप धारण कर लेगा और फिर उस पर काबू पाना लगभग असंभव हो जायेगा.

कोयला का खनन 2 सितंबर, 2020 से पूरी तरह से बंद है. लगभग 5.5 लाख मीट्रिक टन कोयला इकट्ठा हो चुका है. कोयले को यदि जल्दी नहीं हटाया गया, तो पूरे कोयले के भंडार में भीषण आग लग जायेगी, क्योंकि इलाके में दिन में तापमान अभी भी 35 डिग्री के आसपास रहता है.

एनटीपीसी ने खान से निकले कोयले को अलग-अलग आठ ढेरों में रखा है. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि अगर कोई आकस्मिक दुर्घटना होती है, तो अग्निशमन के काम में आसानी हो. कोयला जलने की स्थिति में राष्ट्र की इस प्राकृतिक संपदा का नुकसान तो हो ही रहा है, पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है.

कंपनी ने कहा है कि कोयला ढुलाई न होने से केंद्र सरकार को 67.71 करोड़ रुपये एवं राज्य सरकार को 31.24 करोड रुपये के राजस्व की हानि हो रही है. इस परियोजना से रोजाना 40,000 मीट्रिक टन कोयला 9 रेक में भरकर एनटीपीसी की 21 परियोजनाओं को जाता है. कोयला ढुलाई नहीं हो पाने की स्थिति में एनटीपीसी को 91.20 करोड़ रुपये का प्रतिदिन नुकसान हो रहा है.

रेलवे को भी प्रतिदिन 10 करोड़ का नुकसान हो रहा है. एनटीपीसी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ट्रांसपोर्ट से जुड़े कई लोगों ने बैंकों से कर्ज लेकर अपने वाहन कोयला ढुलाई के काम में लगा रखे हैं. काम नहीं होने की स्थिति में उन्हें भी काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कोयला ढुलाई का असर व्यापार पर पड़ा है.

Posted By : Mithilesh Jha

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