इसके बाद सेंसेक्स 400 से अधिक अंकों की तेजी पर बंद हुआ. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा चीन की बाजार में आयी सुधार के कारण भी हुआ है. मंगलवार को वैश्विक बाजारों विशेषकर चीन के शेयर बाजार में तेजी का असर बंबई शेयर बाजार पर भी दिखा. लिवाली का जोर रहने से सेंसेक्स फिर से 424 अंक उछलकर 25,000 से उपर पहुंच गया और 25,317.87 अंक पर बंद हुआ. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख उद्योगपतियों, बैंकरों और अर्थशास्त्रियों के साथ हुई बैठक का भी निवेशकों पर अनुकूल असर दिखा.
इस बैठक में वैश्विक सुस्ती के बीच अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के विभिन्न विकल्पों और तौर तरीकों पर विचार किया गया. वित्तीय कंपनियों के शेयरों में आज अच्छी चमक रही. ऐसी चर्चा जोरों पर थी कि रिजर्व बैंक अपने प्रस्तावित आधार दर नियमों में बदलाव कर सकता है. रुपया भी दो साल के निम्न स्तर से उबर कर आज 66.54 रुपये प्रति डालर पर बेहतर स्थिति में दिखा. बीएसइ का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के साथ खुला और शुरुआती कारोबार में 25,000 के स्तर पर पहुंच गया, लेकिन बीच-बीच में मुनाफावसूली से बाजार में तेजी टिक नहीं पा रही थी.
हालांकि, दोपहर से कारोबार ने जोर पकडा और सेंसेक्स एक समय 25,411 अंक पर पहुंच गया. अंत में यह 424.06 अंक या 1.70 प्रतिशत की बढत के साथ 25,317.87 अंक पर बंद हुआ. एनएसइ का 50 शेयरों वाला निफ्टी भी 129.45 अंक या 1.71 प्रतिशत बढकर 7,688.25 अंक पर बंद हुआ. एक समय यह 7,720.90 अंक पर पहुंच गया था. चीन की अर्थव्यवस्था की कमजोरी तथा बारिश की कमी को लेकर चिंता से सेंसेक्स पिछले दो कारोबारी सत्रों में 870.97 अंक नीचे चला गया था.
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