दोनों देशों के बीच 2014 में द्विपक्षीय व्यापार 9.51 अरब डालर था. इसमें भारत का निर्यात 3.17 अरब डालर और आयात 6.34 अरब डालर था. कृषि, औषधि तथा बुनियादी ढांचा जैसे कुछ क्षेत्रों की पहचान की है जिनमें दोनों पक्ष पारस्परिक सहयोग सम्पर्क तेज करेंगे. दोनों पक्षों के बीच आज के विचार-विमर्श में आर्थिक एजेंडा प्रमुख रहा. इसके अलावा, अंतरिक्ष, ऊर्जा, संस्कृति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर भी चर्चा की गयी. अधिकारियों के अनुसार भारत ने रूस से 12 परमाणु संयंत्र खरीदने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है. मोदी और पुतिन ने इस पर प्रस्ताव पर सहमति जतायी थी.
रूस परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में भारत का एक प्रमुख सहयोगी है. इससे पहले, सुषमा ने रूस के प्रमुख प्राच्यविद्या शस्त्रियों से मुलाकात की. विचारकों ने उन्हें रामायण और महाभारत के अनुवाद के साथ-साथ रूस में भारतीय भाषाओं को पढाने संबंधी आने अपने काम के बारे में बताया. विदेश मंत्री ने उनसे कहा कि भारत साहित्य एवं संस्कृति की विशेषता है कि इसमें सभी प्रकार के विचारों का सम्मान किया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा, ‘रूसी विचारकों ने रामायण और महाभारत से लेकर रबीन्द्र संगीत का अनुवाद तथा भारतीय भाषाओं को पढाये जाने समेत अपने काम के बारे में विदेशी मंत्री को जानकारी दी.’
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