इस संपत्ति पर फरवरी 2015 में भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 17 बैंकों ने कब्जा किया था ताकि विमानन कंपनी को दिये गये 9000 करोड रुपये के ऋण की वसूली हो सके. भारी-भरकम नुकसान और देनदारी के बोझ के कारण विमानन कंपनी को 2012 में बंद कर दिया गया था. ऋणदाताओं की ओर से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण वसूली की कोशिश तेज होने के बीच विमानन कंपनी के संस्थापक और मुख्य प्रवर्तक माल्या ने इस महीने देश छोड दिया है. हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल सीबीआई द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर माल्या और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
विमानन मंत्री ने माल्या पर कहा : कानून अपना काम करेगा
संकट में फंसे प्रमुख उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ विभिन्न सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई के बीच नागर विमानन मंत्री अशोग गजपति राजू ने कहा कि इस मामले में ‘कानून अपना काम करेगा.’ राजू ने हालांकि भारी घाटे व ऋण बोझ को लेकर बंद पडी निजी विमानन कंपनी किंगफिशर तथा सार्वजनिक कंपनी एयर इंडिया में समानता संबंधी सुझावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता एयर इंडिया में किसी ने किसी से धोखाधडी की. एयर इंडिया निश्चित रूप से घाटे में है. इस बारे में कोई संदेह नहीं. कोई इसे छुपा नहीं रहा. एयर इंडिया का घाटा आज या बीते दो तीन साल में सामने नहीं आया.’ एविएशन इंडिया में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘यह तो काफी समय से है.’
एक सवाल के जवाब में राजू ने कहा कि एएआई तथा पेट्रोलियम कंपनियों के किंगफिशर पर बकाये के बारे में हाल ही में एक सवाल संसद में पूछा गया था. मंत्री ने कहा, ‘एएआई व पेट्रोलियम कंपनियों का कुछ बकाया किंगफिशर पर था. विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के संबंध में तीन चीजें हुई हैं. वसूली वाद मुंबई उच्च न्यायालय में 2014 में दाखिल किया गया. चैक अनादर होने के दो मामले भी वहां हैं. कानून अपना काम करेगा.’
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