आइआइटी ने इस सूची में कुछ स्टार्टअप को भी शामिल किया है. इस सूची में दो ऑनलाइन स्टार्टअप हैं. इसमें एक हेल्थकेयर ऑनलाइन स्टार्टअप है और एक ग्राॅसरी ऑनलाइन स्टार्टअप है. अाइआइटी वैसे स्टार्टअप को लेकर चिंतित है, जो अंतिम समय में उसके छात्रों को नौकरी देने से मुकर जाती है. दरअसल,देश में तेजी से स्टार्टअप खुल रहे हैं और कई स्टार्टअप अपने वित्तीय ढांचे को जल्दबाजी व अंधी प्रतियोगिता में मजबूत नहीं कर पातीं.
आइआइटी ने वैसी कंपनियां या स्टार्टअप जिन्होंने नौकरी का वादा किया, लेकिन बाद में उससे मुकरने पर छात्रों को मुआवजे की पेशकश की, उन्हें आइआइटी ने चेताया है कि वे या तो अपना पुराना वादा पूरा करें या फिर एक साल के लिए आइआइटी के प्लेसमेंट में उन्हें भाग लेने से वंचित कर दिया जायेगा.
ये फैसले शुक्रवार को मुंबइ मेंऑल आइआइटी प्लेसमेंट कमेटी एआइपीसी की बैठक में लिया गया. आइआइटी ने तीन तरह की कटेगरी में कंपनियों को बांटा है. एक कटेगरी में वैसी कंपनियों को रखा गया है जो पूर्णत: नौकरी के वादे से मुकर गयीं, दूसरीकटेगरी वैसी कंपनियों की है जिन्होंने अपने शुरुआती वादे को पूरा नहीं करने पर मुआवजे में भी कटौती की अौर तीसरा वैसी कंपनी जो नियुक्ति की तारीख में विलंब कर चुकी हैं.
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