शराब कारोबारी विजय माल्या के आए ”बुरे दिन”, कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया

मुंबई : संकटग्रस्त शराब व्यवसायी विजय माल्या को आज भगोड़ा घोषित कर दिया गया. बैंकऋण अदायगी में कथित चूक के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की याचिका पर यहां की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने यह आदेश जारी किया. यह मामला माल्या के खिलाफ धन शोधन जांच से जुड़ा है.... विशेष न्यायधीश पीआर भावके ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2016 5:40 PM
an image

मुंबई : संकटग्रस्त शराब व्यवसायी विजय माल्या को आज भगोड़ा घोषित कर दिया गया. बैंकऋण अदायगी में कथित चूक के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की याचिका पर यहां की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने यह आदेश जारी किया. यह मामला माल्या के खिलाफ धन शोधन जांच से जुड़ा है.

विशेष न्यायधीश पीआर भावके ने अपने फैसले में कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन को अनुमति दी जाती है और विजय माल्या के खिलाफ फरमान जारी किया जाता है.’ प्रवर्तन निदेशालय ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत माल्या को भगोड़ा घोषित करने का अनुरोध करते हुए इस अदालत का रुख किया था. इडी का कहना है कि माल्या के खिलाफ धन शोधन कानून (पीएमएलए) के तहत एक गैर-जमानती वारंट समेत ‘कई’ गिरफ्तारी वारंट लंबित हैं.

इडी के मुताबिक, विभिन्न मामलों में माल्या के खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट लंबित हैं जिसमें से एक मामला चेक बाउंस होने का है और वह धन शोधन के एक मामले में भी वांछित है.

जांच एजेंसी ने इस अदालत को मामलेमें जांच की स्थिति के बारे में बताया और इस जांच में माल्या को शामिल करने की जरूरत पर बल दिया. यदि अदालत के पास यह विश्वास करने का कारण है कि वह आरोपी जिसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी है, फरार है या खुद को छिपा रहा है जिससे इस तरह के वारंट को क्रियान्वित नहीं किया जा सके तो उस आरोपी को आपराधिक मामले की जांच में भगोड़ा अपराधी करार दिया जा सकता है.

सीआरपीसी की धारा 82 के मुताबिक, यह अदालत एक लिखित घोषणा कर सकती है जिसके अंतर्गत ऐसे आरोपी को एक निर्धारित जगह और एक निर्धारित समय पर पेश होना पड़ेगा.

अधिकारियों ने कहा कि यदि माल्या धारा 82 के तहतशुरू कीगयी इस कार्यवाही का अनुपालन नहीं करते हैं तो इस एजेंसी के पास सीआरपीसी धारा 83 (भगोड़ा व्यक्ति की संपत्ति कुर्क करना) के तहत कार्रवाई करने का भी विकल्प है.

उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय, आइडीबीआइ बैंक के 900 करोड़ रुपये के कथितऋण धोखाधड़ी मामले में माल्या एवं अन्य के खिलाफ धन शोधन कानून के तहत जांच में माल्या को ‘व्यक्तिगत तौर पर’ शामिल करने का प्रयास करता रहा है और इंटरपोल से गिरफ्तारी का वारंट जारी कराने और माल्या का पासपोर्ट रद्द कराने जैसे सभी कानूनी उपाय के प्रयास कर चुका है. इडी माल्या का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराने के लिए भारत-ब्रिटेन पारस्परिक कानूनी सहायता संधि का भी उपयोग करने का प्रयास कर रहा है. माल्या अपने डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का उपयोग कर 2 मार्च को भारत छोड़ गए.

इस जांच एजेंसी ने पिछले साल सीबीआइ द्वारा दर्ज कराई गयी एक एफआइआर के आधार पर माल्या एवं अन्य के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया. इडी किंगफिशर एयरलाइंस के वित्तीय ढांचे की भी जांच कर रहा है.

इडी ने बैंकऋण मामले में अपनी धन शोधन जांच के संबंध में शनिवार को माल्या और उनकी एक कंपनी की 1,411 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version