प्रधानमंत्री ने माना कि इस समय सब्जियों की कीमतें कुछ चढी हुई हैं. पर इसके कारण में जाते हुए उन्होंने इस तेजी के लिये लगातार दो साल सूखे को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि सूखे के कारण आपूर्ति प्रभावित होने से सब्जी की कीमतों में कुछ तेजी आयी है लेकिन इसे काबू में रखने के लिये प्रयास किये गये हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं निरंतर यह प्रयास करुंगा कि गरीबों की थाली महंगी नहीं हो.’
इस साल अच्छा मानसून, दाल की कीमतें घटेंगी
इस साल दाल की कीमतों में तेजी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष दलहन की बुवाई 1.5 गुना हुई है और अच्छे मानसून तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा किसानों को बोनस जैसे कदमों के साथ-साथ उपलब्धता बढने से कीमत के मोर्चे पर हालात बेहतर होंगे. उन्होंने कहा कि इस साल मानसून बेहतर रहा है लेकिन कुछ जगहों पर अत्यधिक बारिश से समस्या उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार बाढ से प्रभावित राज्यों को मदद करने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है. मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों के विपरीत उन्होंने लोकलुभावन उपायों से अपने को दूर रखा है और लोगों को अधिकार सम्पन्न बनाने के उपायों पर भरोसा किया है.
गन्ना किसानों का 95 फीसदी बकाया भुगतान किया गया
प्रधानमंत्री मोदी ने किसान हित में की गयी पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार के प्रयास से उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के पिछले कुल बकाये का 99.5 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है और इस साल बेचे गए 95 प्रतिशत गन्ने का भुगतान भी कर दिया गया है. मोदी ने कहा कि यूरिया के रिकार्ड उत्पादन से सबसे ज्यादा खपत वाले इस उर्वरक की काला बाजारी अब बीते दिनों की बात हो गयी है. उन्होंने कहा कि अब किसानों को न्यूनतम प्रीमियम पर फसल बीमा दी जा रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि फसलों के भंडारण के लिये 15 लाख टन क्षमता के अनाज गोदाम बनाए गये हैं और किसानों की आय बढाने के लिये खाद्य प्रसंस्करण तथा कृषि आधारित उद्योग पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गयी है. इन कदमों से किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने में मदद मिलेगी.’ मोदी ने कहा, ‘मैंने लोकलुभावन योजनाओं का सहारा नहीं लिया.’
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