उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की संग्रह व्यवस्था की प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं और इन्हें अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाना बरकरार है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा स्वीकृत प्रदान किए जाने के बाद संविधान संशोधन विधेयक को अधिसूचिम किया जाएगा. जेटली ने कहा कि अधिसूचना जारी करने और जीएसटी परिषद के गठन के बाद निश्चित तौर पर कुछ लंबित मामले हैं जिनका परिषद समाधान करेगी.
उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमारे पास ऐसा करने के लिए सितंबर, अक्तूबर का महीने और नवंबर का कुछ हिस्सा है. बहुत काम करना है.’ जीएसटी लागू करने के संबंध में समयसीमा के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा, ‘राज्यों को अपने कानून पारित करने हैं. अब यदि आप इस पर निगाह डालते हैं तो यह बेहद कठोर लक्ष्य है और हमारे पास समय कम है. मैं निश्चित तौर पर प्रयास करना चाहूंगा.’
जेटली ने कहा कि केंद्रीय कानून – जीएसटी और आईजीएसटी का पारित होना सरकार के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक कानूनों में से एक है. उन्होंने कहा, ‘सरकार से बाहर भी आर्थिक प्राथमिकताओं के लिहाज से यदि आप मुझसे पूछें तो मैं कहूंगा कि निश्चित तौर पर जीएसटी लागू करना शीर्ष प्राथमिकता है.’ संसद ने जीएसटी कार्यान्वयन के लिए संविधान संशोधन विधेयक पारित किया है. राज्यों ने भी पर्याप्त संख्या में विधेयक को पारित किया है. जएसटी में सभी तरह के अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जाएंगे.
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