फेडरेशन की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि इस मामले को उस विशेष पीठ के पास भेजा जाए जिसने इसे पहले 2014 में दिल्ली उच्च न्यायालय को इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय करने को कहा था. दवे ने कहा, ‘दिल्ली उच्च न्यायालय इस मामले में 17 बार सुनवाई स्थगित किये जाने की मंजूरी दे चुका है इसलिए एयर एशिया को दी गई मंजूरी पर शीघ्र स्थगन लगाने के लिए कुछ निर्देश दिये जाने चाहिए या दिल्ली उच्च न्यायालय को कहा जाना चाहिए कि वह इस मुद्दे की तेजी से सुनवाई करे.’
उन्होंने कहा कि इस पर अगली सुनवाई के लिए सात नवंबर की तारीख तय की जानी चाहिये क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय में यह मामला 11 नवंबर को आने वाला है. पीठ इस पर सहमत हो गई है. मलेशिया की सूचीबद्ध कंपनी एयर एशिया बेरहाद ने फरवरी 2014 में टाटा संस और टेलेस्ट्रा ट्रेडप्लेस प्रा. लिमिटेड के साथ मिलकर एयर एशिया इंडिया एयरलाइंस के परिचालन के लिए संयुक्त उपक्रम का समझौता किया था.
फेडरेशन इस एयरलाइन को परिचालन की मंजूरी का विरोध कर रहा है. भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने भी एयर एशिया इंडिया को दी गई मंजूरी को चुनौती दी है. उनका कहना है कि या तो इस मामले में अदालत को अधिकारियों ने गलत और भ्रामक जानकारी दी है या नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कानून की अनदेखी कर अवैध कार्य किया है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.