8th Pay Commission: देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस आयोग का गठन किया जाएगा, जिससे करीब 1.1 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिलेगा.
सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, 2026-27 वित्तीय वर्ष (FY27) तक 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जा सकता है. इसका उद्देश्य न केवल कर्मचारियों की आय में इज़ाफा करना है, बल्कि उपभोग में वृद्धि करके अर्थव्यवस्था को भी गति देना है.
कितनी बढ़ सकती है सैलरी? वेतन वृद्धि का अनुमान
Ambit Institutional Equities की एक रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों की सैलरी व पेंशन में 30% से 34% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इस संभावित बढ़ोतरी से लगभग 44 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68 लाख पेंशनर्स, यानी कुल मिलाकर करीब 1.12 करोड़ लाभार्थी सीधे प्रभावित होंगे. हालांकि, इस वेतन एवं पेंशन वृद्धि को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को लगभग ₹1.8 लाख करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार उठाना पड़ सकता है, जो सरकार के कुल राजकोषीय व्यय पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है.
8th Pay Commission: कैसे तय होती है सैलरी?
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी चार मुख्य हिस्सों में बंटी होती है:
- बेसिक पे (Basic Pay)
- यह वेतन का मूल हिस्सा होता है, जो कर्मचारी की सीनियरिटी और ग्रेड पर आधारित होता है.
- महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA)
- यह महंगाई की भरपाई के लिए दिया जाता है. वर्तमान में यह 50% तक हो चुका है.
- जैसे: अगर बेसिक ₹18,000 है और DA 50% है, तो DA = ₹9,000। कुल वेतन = ₹27,000
- मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance – HRA)
- शहर की श्रेणी के अनुसार यह भिन्न होता है (X, Y, Z श्रेणियां)
- यातायात भत्ता (Transport Allowance – TA)
- कर्मचारियों को यात्रा में होने वाले खर्च के लिए निश्चित राशि प्रदान की जाती है.
सैलरी स्ट्रक्चर
- बेसिक पे: 51.5%
- DA: 30.9%
- HRA: 15.4%
- TA: 2.2%
फिटमेंट फैक्टर और DA पर असर
7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को 2.57 निर्धारित किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम बेसिक वेतन ₹18,000 तक बढ़ाया गया. हालांकि, आयोग की सिफारिशें लागू होते ही महंगाई भत्ता (DA) को शून्य कर दिया गया, क्योंकि उस समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI Index) को फिर से आधार वर्ष के अनुसार रीसेट किया गया था.
इसके कारण कुल वेतन में वास्तविक वृद्धि केवल 14.3% तक सीमित रही, क्योंकि बढ़ोतरी केवल मूल वेतन पर ही आधारित थी. इसी तर्ज पर, 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद भी DA को फिर से 0 से शुरू किया जा सकता है, जिससे प्रारंभिक वेतन वृद्धि अपेक्षाकृत कम महसूस हो सकती है.
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