8th Pay Commission: 2026 से पहले नहीं मिलेगा नया वेतन? जानिए क्यों लटक रहा है 8वां वेतन आयोग

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग को लेकर करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को अब भी इंतजार है. सरकार की ओर से आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, जिससे 2026 से पहले नया वेतन मिलना मुश्किल लग रहा है. देरी की वजह वित्तीय दबाव और प्रक्रिया में ढिलाई है.

By Abhishek Pandey | June 11, 2025 5:22 PM
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8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर अभी भी सस्पेंस, कर्मचारियों की उम्मीदें और सरकार की चुप्पी. करीब 35 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67 लाख पेंशनभोगियों के लिए 8वां वेतन आयोग एक उम्मीद की किरण बना हुआ है. लेकिन अब तक सरकार की ओर से न तो इसका एलान हुआ है और न ही टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तय किए गए हैं. जनवरी 2026 से नए वेतन ढांचे की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे लगता है कि इंतजार और लंबा हो सकता है.

2016 में लागू हुआ था 7वां वेतन आयोग, लेकिन एलान दो साल पहले हुआ था

2016 में लागू हुआ था 7वां वेतन आयोग, लेकिन एलान दो साल पहले हुआ था.
7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था और इसे जनवरी 2016 से लागू किया गया था. यानी बीच में पूरे दो साल का वक्त मिला रिपोर्ट तैयार करने और कैबिनेट से मंजूरी दिलवाने का. लेकिन जून 2025 तक भी 8वें वेतन आयोग की घोषणा नहीं हुई है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर सरकार इस साल के अंत तक भी आयोग बनाती है, तो इसकी सिफारिशें जमीन पर आते-आते 2027 हो सकता है.

फंड की टेंशन और चुनावी वादे

सरकार पर पहले से ही सामाजिक योजनाओं, चुनावी घोषणाओं और राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने का दबाव है. ऐसे में अगर एक झटके में वेतन और पेंशन बढ़ा दी जाती है, तो खजाने पर भारी असर पड़ेगा. इसलिए फैसला लेने में देर हो रही है.

कितना बढ़ेगा न्यूनतम वेतन?

वेतन आयोग की सिफारिशों का सबसे बड़ा हिस्सा होता है “फिटमेंट फैक्टर”. 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से ₹18,000 हो गया था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार यह 2.6x से 2.86x तक रह सकता है. अगर 2.86 वाला फॉर्मूला लागू हुआ, तो बेसिक पे ₹51,000 तक जा सकती है. लेकिन यह काफी महंगा पड़ सकता है, इसलिए 2.6 या 2.7 के आसपास रहने की उम्मीद ज़्यादा है.

डीए मर्ज होगा बेसिक में, लेकिन इसका मतलब?

जुलाई 2025 में एक और डीए बढ़ोतरी होनी बाकी है. जब भी नया वेतन आयोग लागू होता है, उस वक्त तक का डीए बेसिक में जोड़ दिया जाता है. इससे सैलरी तो बढ़ेगी, लेकिन डीए फिर से जीरो से शुरू होगा. यानी एक ओर सैलरी बढ़ेगी, तो दूसरी ओर अगले कुछ महीनों तक डीए में बढ़ोतरी कम दिखेगी.

पेंशनभोगियों के लिए भी बढ़ सकती है राहत

जैसे कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर और डीए मर्ज होता है, ठीक वैसे ही पेंशनभोगियों की पेंशन में भी बदलाव होता है. पिछली बार पेंशन फॉर्मूला बदला गया था, इस बार भी ऐसे ही बदलाव की उम्मीद है. रिटायर कर्मचारियों की यूनियन भी सरकार पर लगातार दबाव बना रही हैं कि वे जल्दी से नियम स्पष्ट करें. सरकार का रुख देख कर यही कहा जा सकता है कि सैलरी बढ़ेगी, लेकिन देर से. अगर 2026 के शुरू में लागू नहीं हुआ, तो साल के अंत या 2027 की शुरुआत तक इसका असर देखने को मिल सकता है.

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