देश में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद यह पहली मौद्रिक नीति की समीक्षा है. नोटबंदी से बैंकों की जमा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, ‘अभी कुछ भी अटकल लगाना मुश्किल है क्योंकि मौद्रिक नीति समिति को इस बारे में निर्णय करना है. नीतिगत दर में 0.25 से 0.50 प्रतिशत कटौती संभव है जिसकी सभी उम्मीद कर रहे हैं. दर में यदि कोई कटौती नहीं होती है तो अचंभा होगा.’
केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक तथा सीईओ राकेश शर्मा ने कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए हम आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक चंद्र शेखर घोष ने कहा कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की उम्मीद है क्योंकि अक्तूबर की मुद्रास्फीति में कमी आयी है और नोटबंदी से नवंबर में मुद्रास्फीति और कम होगी.
अक्तूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 4.20 प्रतिशत जबकि थोक मुद्रास्फीति 3.39 प्रतिशत रही. इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए आईडीबीआई बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी आर के बंसल ने कहा कि केंद्रीय बैंक रेपो दर को घटाकर 6.0 प्रतिशत कर सकता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.