नोटबंदी ने जीएसटी की राह में अटकाया रोड़ा, अब एक अप्रैल से लागू होना मुश्किल

नयी दिल्ली : केंद्र एवं राज्यों के बीच नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी में करदाताओं पर नियंत्रण का मुद्दा अभी सुलझ नहीं पाया है. हालांकि जीएसटी परिषद ने जीएसटी कानून को अमल में लाने वाले सहायक विधेयकों के अधिकतर उपबंधों को मंजूरी दे दी. इसको देखते हुए एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2016 9:21 PM
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नयी दिल्ली : केंद्र एवं राज्यों के बीच नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी में करदाताओं पर नियंत्रण का मुद्दा अभी सुलझ नहीं पाया है. हालांकि जीएसटी परिषद ने जीएसटी कानून को अमल में लाने वाले सहायक विधेयकों के अधिकतर उपबंधों को मंजूरी दे दी. इसको देखते हुए एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करना एक तरह से असंभव-सा दिख रहा है.नोटबंदी के कारण राज्यों को यह भय है कि उनका टैक्स कलेक्शन कम होगा, इस कारण मुआवजा की मांग करने वाले राज्यों की संख्या बढ़ सकती है.

जीएसटी परिषद ने मुआवजा व्यवस्था में भी बदलाव किया जिसमें राज्यों को द्विमासिक आधार पर भुगतान की व्यवस्था होगी जबकि पहले तिमाही आधार पर भुगतान का फैसला किया गया था. दोहरे नियंत्रण तथा महत्वपूर्ण आईजीएसटी विधेयक के मुद्दे पर तीन-चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में विचार किया जाएगा. ये मुद्दे पिछली तीन बैठकों से अटके हैं.

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