जीएसटी को हमारा हर ओर से समर्थन : नास्कॉम
नास्कॉम के अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर ने कहा, ‘हम जीएसटी शुरू करने का समर्थन करते हैं लेकिन इससे सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के कामकाज पर असर नहीं पड़ना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि आज जीएसटी परिषद के साथ बैठक में साफ्टवेयर एसोसियेसन जीएसटी क्रियान्वयन से जुड़ी अपनी चिंताओं को रखेगी. जीएसटी कानून के पहले मसौदे में कहा गया था कि सभी ‘अमूर्त’ कार्यों को सेवाओं के तौर पर वर्गीकृत किया गया था और उनके लिये समान कर की दर रखी गयी थी, लेकिन संशोधित कानूनी मसौदे में इस वर्गीकरण को हटा दिया गया.
नास्कॉम ने हाल ही में राजस्व विभाग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है. उसका कहना है कि ‘इससे जीएसटी व्यवस्था में साफ्टवेयर वर्गीकरण में विवाद पैदा हो सकते हैं. दुनियाभर में अधिकांश देशों में यह माना जाता है, इलेक्ट्रानिक डाउनलोड को सेवा माना जाना चाहिए.’
कई मुद्दों पर अभी भी फंसा है पेंच
जीएसटी परिषद की इस बैठक में नयी व्यवस्था के तहत करदाताओं के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर चर्चा होगी. 22 सितंबर 2016 के बाद यह परिषद की आठवीं बैठक होगी. वित्त मंत्री जेटली ने 23 दिसंबर 2016 को हुई पिछले बैठक की समाप्ति पर कहा था कि परिषद कई मुद्दों पर आगे बढ़ी है और एकीकृत जीएसटी के मसौदे पर अगली बैठक में चर्चा होगी. करदाताओं पर दोहरा नियंत्रण का मुद्दा भी एकीकृत जीएसटी विधेयक का ही हिस्सा है.
जीएसटी को अमल में लाने से पहले संसद को इसे पारित करना होगा. दोहरे नियंत्रण का मुद्दा ही जीएसटी व्यवस्था के अमल में फिलहाल बड़ी रुकावट बना हुआ है.
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