अप्रत्यक्ष करों में विभिन्न क्षेत्रों में की गयी वसूली का ब्यौरा देते हुये उन्होंने बताया कि आलोच्य अवधि में उत्पाद शुल्क प्राप्ति 43 प्रतिशत बढ़कर 2.79 लाख करोड़ रुपये, सेवा कर प्राप्ति 23.9 प्रतिशत बढ़कर 1.83 लाख करोड़ रुपये हो गयी. जबकि इस दौरान सीमा शुल्क प्राप्ति 4.1 प्रतिशत बढ़कर 1.67 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गयी. अकेले दिसंबर माह में पिछले साल के मुकाबले अप्रत्यक्ष कर प्राप्ति 14.2 प्रतिशत बढ़ गयी. दिसंबर माह में नोटबंदी जारी रही इसके बावजूद माह के दौरान उत्पाद शुल्क प्राप्ति 31.6 प्रतिशत बढ़ी है.
जेटली ने कहा कि उत्पाद शुल्क का सीधा विनिर्माण क्षेत्र से संबंध है. माह के दौरान सेवा कर प्राप्ति भी 12.4 प्रतिशत बढ़ी है जबकि सीमा शुल्क प्राप्ति इस दौरान सोने का आयात घटने से 6.3 प्रतिशत घट गया.वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘कर प्राप्ति के आंकड़े वास्तविक हैं, अनुमानित नहीं.’ नोटबंदी के बाद नकदी संकट के कारण अर्थव्यवस्था में नरमी की आशंकाओं को उन्होंने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि एक महीना पहले नवंबर के आंकड़ों से यदि दिसंबर के आंकडों की तुलना की जाये तो अप्रत्यक्ष कर प्राप्ति 12.8 प्रतिशत बढ़ी है.
जेटली ने कहा, ‘नकदी की तंगी के चलते नवंबर और दिसंबर में आर्थिक गतिविधियों को लेकर सार्वजनिक तौर पर काफी चर्चा हुई है, इस लिहाज से इन दो महीनों के आंकड़े काफी महत्वपूर्ण बन जाते हैं.’ उन्होंने कहा कि ज्यादातर राज्यों में मूल्य वर्धित कर (वैट) प्राप्ति भी अच्छी रही है. राज्यों को नवंबर में पुरानी मुद्रा में भी कर प्राप्त हुये हैं. ‘मेरे विचार से बेहतर प्रशासनिक तंत्र वाले सभी राज्यों में नवंबर में वैट संग्रह बढ़ा है.’
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