रिजर्व बैंक ने निवेशकों और बैंकरों की उम्मीद पर फेरा पानी, रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर रखा बरकरार

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक ने देसी-विदेशी निवेशकों और बैंकरों को निराश करते हुए बुधवार को मौद्रिक समीक्षा में पेश करते हुए उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बैंकरों और निवेशकों को उम्मीद थी कि वह मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती करेगा, लेकिन बुधवार को उसने अपनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2017 3:25 PM
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नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक ने देसी-विदेशी निवेशकों और बैंकरों को निराश करते हुए बुधवार को मौद्रिक समीक्षा में पेश करते हुए उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बैंकरों और निवेशकों को उम्मीद थी कि वह मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती करेगा, लेकिन बुधवार को उसने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों (रेपो रेट) 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है.

इसके साथ ही, बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी वृद्धि) के पिछले अनुमान में भी कटौती कर दी है. रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि की दर का अनुमान घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया. इससे पहले 7 दिसंबर, 2016 की समीक्षा में रिजर्व बैंक ने देश के आर्थिक विकास की दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. हालांकि, अगले वित्त वर्ष 2017-18 के लिए रिजर्व बैंक ने 7.4 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि महंगाई मार्च, 2017 में लक्ष्य के मुताबिक 5 फीसदी के नीचे रहेगी. हालांकि, अप्रैल से सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई में और कमी की उम्मीद जतायी गयी है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, इस अवधि में सीपीआई 4 से 4.5 फीसदी तक रहेगी, लेकिन अक्टूबर से महंगाई के बढ़कर फिर से 5 फीसदी तक या इससे थोड़ा ऊपर पहुंचने की आशंका है.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में कमजोरी के तीन कारण हो सकते हैं. पहला, कच्चे तेल की अंततराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि और दूसरा यह कि नोटों के बदलने के मौजूदा ट्रेंड के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में और तीसरा, गिरावट आने और 7वें पे कमीशन का संभावित असर गिनाया.

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