आईटी की दिग्गज कंपनी विप्रो ने 600 कर्मचारियों को निकाला, तो सूरत के हीरा कारोबारी ने दिया स्कूटी का तोहफा

नयी दिल्ली : देश में आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों में तीसरे नंबर पर शुमार विप्रो ने जहां विदेशों में भारतीय कर्मचारियों को वीजा मामले में सख्ती बरते जाने के बाद अपने 600 कर्मचारियों को निकाल दिया है, वहीं सूरत के हीरा व्यापारी लक्ष्मीदास बेकारिया ने अपने करीब सवा सौ कर्मचारियों को तोहफे के तौर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2017 12:35 PM
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नयी दिल्ली : देश में आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों में तीसरे नंबर पर शुमार विप्रो ने जहां विदेशों में भारतीय कर्मचारियों को वीजा मामले में सख्ती बरते जाने के बाद अपने 600 कर्मचारियों को निकाल दिया है, वहीं सूरत के हीरा व्यापारी लक्ष्मीदास बेकारिया ने अपने करीब सवा सौ कर्मचारियों को तोहफे के तौर पर स्कूटी देकर एक बार फिर सूर्खियां बटोरना शुरू कर दिया है.

बताया जा रहा है कि कामकाज की समीक्षा के बाद कर्मचारियों के प्रदर्शन से नाराज विप्रो ने अपने 600 लोगों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया है, तो हीरा व्यापारी ने अपने कर्मचारियों के कामकाज से खुश होकर उन्हें तोहफे के रूप में स्कूटी दिया है. अपने कर्मचारियों को तोहफे देने के लिए हीरा कारोबारी ने बाकायदा एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया था.

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गौरतलब है कि कि लक्ष्मीदास बेकारिया ने वर्ष 2010 के दौरान सूरत में हीरा तराशने का काम शुरू किया था. हालांकि, गुजरात में ऐसा करने वाले बेकारिया अकेला कारोबारी नहीं हैं. वहीं के हीरा कारोबारी सवजी भाई ढोलकिया ने भी दिवाली के मौके पर अपने कर्मचारियों को तोहफे के तौर पर महंगी कारें और फ्लैट देकर खूब सुर्खियां बटोरी हैं. ढोलकिया ने पिछले साल हरे कृष्णा एक्सपोर्ट्स के कर्मचारियों को दिवाली के बोनस के रूप में 400 फ्लैट्स और 1260 कारें तोहफे के रूप में दिया था. इस दौरान कंपनी ने 51 करोड़ रुपये खर्च करके करीब 56 कर्मचारियों में ज्वेलरी भी बांटे थे. 2014 में भी सवजी भाई ने अपनी कंपनी के करीब 1300 वर्कर्स को कारें, मकान और ज्वेलरी दिये थे.

उधर, कर्मचारियों की कामकाज की सालाना समीक्षा के बाद देश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी दिग्गज कंपनी विप्रो ने अपने 600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. हालांकि, मीडिया में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि कंपनी की ओर से करीब 2000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. बता दें कि दिसंबर, 2016 के अंत तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख से अधिक थी.

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