नो-रिफंड पॉलिसी पर फ्लिपकार्ट का यू-टर्न

नयी दिल्ली : ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट ने अपनी नो-रिफंड पॉलिसी पर यू-टर्न ले लिया है.कंपनी ने कस्टमर्स के दूर होने के डर से अब पॉपुलर कैटेगरीज में इसे दोबारा लांच किया है. खरीदार अब बुक्स, होम डेकोर, लाइफस्टाइल, फैशन प्रॉडक्ट्स, फिटनस इक्विपमेंट्स, म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स समेत दूसरे कई प्रॉडक्ट्स पर रिफंड्स हासिल कर सकते हैं. बताते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2017 12:49 PM
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नयी दिल्ली : ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट ने अपनी नो-रिफंड पॉलिसी पर यू-टर्न ले लिया है.कंपनी ने कस्टमर्स के दूर होने के डर से अब पॉपुलर कैटेगरीज में इसे दोबारा लांच किया है. खरीदार अब बुक्स, होम डेकोर, लाइफस्टाइल, फैशन प्रॉडक्ट्स, फिटनस इक्विपमेंट्स, म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स समेत दूसरे कई प्रॉडक्ट्स पर रिफंड्स हासिल कर सकते हैं. बताते चलें कि इससे पहले खरीददार इन प्रॉडक्ट्स को केवल रिप्लेस ही करा सकते थे. हाल ही में फ्लिपकार्ट ने ग्राहकों को प्रोडक्‍ट लौटाने के बदले पैसा लौटाना बंद कर दिया था.

जिन प्रोडक्‍ट्स पर नहीं मिलेगा रिफंड
फ्लिपकार्ट मोबाइल फोन, फर्नीचर, एयर कंडीशनर, वॉशिंग मशीन, टेलीविजन जैसे बड़े अप्लायंसेज और स्मॉल अप्लायंसेज जैसी दूसरी पॉपुलर कैटेगरीज के लिए रिफंड नहीं दे रही है. अंगरेजी अखबार इकॉनोमिक टाइम्‍स ने कंपनी के प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि एक साल के दौरान उसकी रिटर्न पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. फ्लिपकार्ट की वेबसाइट पर पिछले वीकेंड के दौरान पॉलिसी को अपडेट किया गया था और अब इसमें ‘नो रिफंड ऑफर्ड. ऑल सेल्स आर फाइनल’ का जिक्र नहीं है.

1,800 कैटेगरीज में दो-तिहाई पररिफंड

फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता के हवाले से अखबार लिखता है कि फ्लिपकार्ट की रिटर्न पॉलिसी बहुत ज्यादा कस्टमर फ्रेंडली है. एक साल के दौरान इसमें बदलाव नहीं हुआ है. हमारे ग्राहकों ने हमेशा ही फ्लिपकार्ट पर बिना किसी परेशानी वाली रिटर्न एक्सपीरियंस का लाभ उठाया है. वास्‍तविकता यह है कि ग्राहक फ्लिपकार्ट पर 1,800 कैटेगरीज में से करीब दो-तिहाई के लिए सीधे वेबसाइट के जरिये रिफंड का आग्रह कर सकते हैं.

फुल रिफंड और नो-क्वेश्चन आस्क्ड रिटर्न की सुविधा
उल्‍लेखनीय है कि ई-कॉमर्स कंपनियों ने भारतीय ग्राहकों को ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ आकर्षित करने के लिए पिछले साल की शुरुआत तक फुल रिफंड और नो-क्वेश्चन आस्क्ड रिटर्न पॉलिसी की पेशकश की थी. हालांकि, ऐसी नीतियों से इन कंपनियाें और इनके प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड सेलर्स की लॉजिस्टिक संबंधी लागत में भी बढ़ोतरी हुई थी. शायद इसी के मद्देनजरइन ई-कॉमर्स कंपनियों को नो रिटर्न पॉलिसी लानी पड़ी, लेकिन ग्राहकों को खोने के डर से अब इन्हें यह पॉलिसी वापसलेनीपड़रहीहै.

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