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मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कदम के पीछे यह विचार काम कर रहा है कि उल्लंघनों से निबटने के लिए डीजीसीए के लिए श्रेणीबद्ध दंडीय प्रावधान किया जाये. यह प्रस्ताव ऐसे वक्त आया है, जब देश का घरेलू विमानन क्षेत्र में पिछले दो सालों से दहाई अंक में वृद्धि नजर आ रही है तथा कई नयी कंपनियों के इस क्षेत्र में उतरने की संभावना है.
फिलहाल, डीजीसीए को उल्लंघन की स्थिति में किसी भी एयरलाइन का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार है, जो बहुत ही कठोर है. अधिकारी के अनुसार, संबंधित संशोधनों पर काम चल रहा है तथा मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद उसे संसद के मॉनसून सत्र में पेश किया जायेगा. डीजीसीए फिलहाल एयरलाइनों एवं पायलटों तथा इंजीनियरों पर पाबंदी लगा सकता या फिर उन्हें निलंबित कर सकता है, लेकिन वह कोई जुर्माना नहीं लगा सकता.
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