एयर इंडिया की आपत्ति
टाटा ग्रुप की विमानन कंपनी एयर इंडिया का तर्क है कि इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय सहयोग भारतीय विमान नियमों के खिलाफ हैं. एयर इंडिया ने यह भी दावा किया है कि तुर्किए के विमानों द्वारा संचालित उड़ानों पर भारतीय पायलटों और तकनीकी स्टाफ को पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं, जिससे देश में रोजगार के अवसर भी प्रभावित हो रहे हैं. इसके साथ ही, यह तुर्किए का पाकिस्तान के समर्थन की वजह से यह भारतीयों कि सुरक्षा के लिए भी लाभदायक नहीं है.
इंडिगो का बचाव
देश भर में तुर्किए के खिलाफ गुस्से की भावना के बीच इंडिगो ने गुरुवार को तुर्किए एयरलाइंस के साथ अपनी साझेदारी का बचाव किया. एयरलाइन ने कहा कि इंडिगो और टर्किश एयरलाइंस के बीच कोडशेयर साझेदारी ने भारत के छोटे शहरों से यूरोप और अमेरिका की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा की एक्सेस और सामर्थ्य में बढ़ाव दिखाया है. यह सहयोग किफायती दो-स्टॉप उड़ानें संभव बनाता है, कनेक्टिविटी को बढ़ाता है और भारतीय यात्रियों को कई लाभ प्रदान करता है.
Also Read: ट्रंप के घर में घुसकर होगा टैरिफ पर फैसला, वाशिंगटन जाएगी भारत की टीम
समझौते की पृष्ठभूमि
इंडिगो ने साल 2021 से तुर्किए के सरकार समर्थित एयरलाइन्स के साथ लीजिनग एग्रीमन्ट फाइनल की थी. टर्किश एयरलाइन्स ने इंडिगो को दिल्ली और मुंबई से इस्ताम्बुल के मार्गों पर उड़ान भड़ने के लिए कुछ पायलटों के साथ 2 विमान और एयर क्रू प्रदान किए थे. इंडिगो ने टर्किश एयरलाइंस के साथ एक वेट लीज समझौता किया है, जिसके तहत तुर्किए का क्रू और विमान भारतीय रूट्स पर इंडिगो के बैनर के तहत उड़ानें संचालित कर रहे हैं. इससे इंडिगो को यूरोप, मिडिल एशिया और अमेरिका के कुछ गंतव्यों तक बेहतर पहुंच मिली है.
Also Read: Sukanya Samriddhi Yojna का कमाल! सिर्फ 833 रुपये के स्मॉल डिपॉजिट से बेटी के बड़े सपने होंगे पूरे, जानें कैसे?
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.