Air India: भारत के नागरिक उड्डयन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को चालक दल कार्य दायित्व से संबंधित सभी भूमिकाओं से हटाने का आदेश जारी किया है. इनमें एक डिवीजनल उपाध्यक्ष भी शामिल हैं. डीजीसीए की ओर से यह कदम सुरक्षा मानकों में गंभीर चूक के चलते उठाया गया है.
डीजीसीए का कड़ा कदम
डीजीसीए ने 20 जून को अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि एयर इंडिया ने लाइसेंसिंग और आराम से जुड़ी आवश्यकताओं का उल्लंघन किया है. विमानन संचालन में ऐसी अनदेखी को गंभीर मानते हुए नियामक ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जाए.
क्या कहती है एयर इंडिया
एयर इंडिया ने एक बयान में पुष्टि की कि उसने डीजीसीए के निर्देश को स्वीकार कर लिया है और उसे लागू कर दिया गया है. एयरलाइन ने कहा कि अब से मुख्य परिचालन अधिकारी, इंटीग्रेटेड ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर (आईओसीसी) की निगरानी स्वयं करेंगे, ताकि सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जा सके.
एयर इंडिया ने मानी खामी
डीजीसीए के अनुसार, एयर इंडिया ने खुद यह स्वीकार किया है कि कुछ मामलों में चालक दल की कार्यसूचियों और संचालन में गंभीर उल्लंघन हुए हैं. यह भी पाया गया है कि जिन अधिकारियों के अधीन ये अनियमितताएं हुईं, उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई थी.
डीजीसीए ने एयर इंडिया को किया आगाह
नियामक ने एयर इंडिया को आगाह किया है कि यदि भविष्य में ऐसे उल्लंघन दोहराए गए, तो न सिर्फ लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है, बल्कि कंपनी पर संचालन प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है.
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ड्रीमलाइनर दुर्घटना के बाद बढ़ी सख्ती
डीजीसीए की ओर से यह आदेश ऐसे समय में जारी किया है, जब पिछले सप्ताह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान की दुर्घटना के चलते एयर इंडिया पहले से ही सुरक्षा समीक्षा और नियामकीय जांच के घेरे में है. डीजीसीए का यह कड़ा कदम विमानन क्षेत्र में सुरक्षा के प्रति उसकी शून्य-सहनशीलता नीति को दर्शाता है.
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