Anil Ambani के गोले से उड़ेगा पाकिस्तान, आसिम मुनीर और आतंकियों की छूटेगी हवा

Anil Ambani: अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस ने जर्मन कंपनी राइनमेटल एजी के साथ मिलकर गोला-बारूद निर्माण के लिए रणनीतिक साझेदारी की है. इस समझौते से भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूती मिलेगी. महाराष्ट्र में बनने वाले कारखाने से तोप के गोले और विस्फोटक तैयार होंगे, जिससे भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा. यह साझेदारी भारत को रक्षा निर्यात में अग्रणी बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है.

By KumarVishwat Sen | May 22, 2025 9:25 PM
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Anil Ambani: आतंकवादियों को शरण देने वाले पाकिस्तान की अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस के गोले से पाकिस्तान में आतंकवादियों का ठिकाना उड़ता नजर आ सकता है. अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस ने महाराष्ट्र में स्थापित किये जाने जाने वाले कारखाने से तोप के गोले और गोला-बारूद जैसे विस्फोटक की आपूर्ति के लिए जर्मनी की हथियार विनिर्माता राइनमेटल एजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

अनिल अंबानी की कंपनी ने जर्मन कंपनी से किया समझौता

रिलायंस डिफेंस ने एक बयान में कहा, “रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा प्रवर्तित रिलायंस डिफेंस लिमिटेड (रिलायंस डिफेंस) और डसेलडोर्फ स्थित राइनमेटल एजी ने गोला-बारूद के क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी पर सहमति व्यक्त की है. इस आशय के एक समझौते पर अब दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए.” यह ग्रुप का दसॉल्ट एविएशन और फ्रांस की थेल्स के साथ संयुक्त उपक्रम के बाद तीसरा रक्षा समझौता है.

विस्फोटक और प्रणोदक की होगी आपूर्ति

कंपनी की ओर से जारी किए बयान के अनुसार, “कंपनियों के बीच सहयोग में रिलायंस की ओर से राइनमेटल को मध्यम और बड़े कैलिबर गोला-बारूद के लिए विस्फोटक और प्रणोदक की आपूर्ति शामिल होगी.” इसके अलावा, दोनों कंपनियां चयनित उत्पादों के लिए संयुक्त विपणन गतिविधियों में संलग्न होने पर बात कर रही हैं और भविष्य के अवसरों के आधार पर अपने सहयोग का विस्तार कर सकती हैं.

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मेक इन इंडिया पहल होगी मजबूत

इन दोनों कंपनियों की यह रणनीतिक साझेदारी भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को सरकार की प्रमुख ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में निर्माण करो) और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों के साथ जोड़कर मजबूत करेगी. यह भारत को दुनिया के अग्रणी रक्षा निर्यातकों में स्थान दिलाने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है. यह नई इकाई रिलायंस डिफेंस को देश के शीर्ष तीन रक्षा निर्यातकों में शामिल होने के उसके लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी.

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