सावधान! आयुष्मान भारत में धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार, उठाने जा रही ये सख्त कदम
Ayushman Bharat Scheme: आयुष्मान भारत योजना सरकार की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है. इसके तहत सरकार की ओर से गरीब परिवारों और बुजुर्गों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पांच लाख रुपये तक मुहैया कराए जाते हैं. अभी हाल के महीनों में सरकार ने इस योजना का विस्तार करके सभी आयवर्ग के लोगों को शामिल किया है.
By KumarVishwat Sen | December 7, 2024 10:25 AM
Ayushman Bharat Scheme: आयुष्मान भारत योजना में होने वाली धोखाधड़ी पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. उसने भरी संसद में कहा है कि इस योजना में किसी भी तरह के फ्रॉड या गलतियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. संसद में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने दोहराई कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी निभाई जाएगी. यह योजना स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ मिल रहा है. इसके बावजूद, कुछ राज्यों में इस योजना की प्रभावशीलता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि, केंद्रीय स्तर पर इस योजना का संचालन और निगरानी सख्ती से की जा रही है, ताकि फ्रॉड की कोई गुंजाइश न हो.
आयुष्मान भारत योजना में ऐसे धोखाधड़ी करते हैं धंधेबाज
गैर-स्वीकृत अस्पतालों का इस्तेमाल: कुछ अस्पताल अवैध रूप से इस योजना का फायदा उठाते हैं और बेमतलब उपचार या नकली बिलों का दावा करते हैं. यह तब होता है, जब अस्पताल बिना अनुमति के इस योजना के तहत उपचार प्रदान करने का दावा करते हैं, जबकि वास्तव में वे इस योजना से जुड़े नहीं होते हैं.
फर्जी मरीजों का रिकॉर्ड बनाना: कुछ अस्पताल या सेवा प्रदाता नकली रिकॉर्ड बनाते हैं, जिसमें वे बिना असली इलाज के मरीजों का नाम शामिल करते हैं. यह प्रक्रिया उन्हें लाभ उठाने की अनुमति देती है, जिससे वे वास्तविक लाभार्थियों के लिए निर्धारित किए गए बजट का दुरुपयोग करते हैं.
नकली चिकित्सा सेवाएं और बिल: अस्पताल फर्जी तरीके से चिकित्सा सेवाओं का बिल देते हैं, जैसे कि जाली जांच और उपचार, जो वास्तव में कभी किए नहीं जाते. ये बिल धोखाधड़ी के सबसे सामान्य तरीकों में से एक हैं.
डॉक्टरों की फर्जी सिफारिश: कुछ मामलों में डॉक्टर बिना किसी वास्तविक आवश्यकता के मरीजों की सिफारिश करते हैं, जिससे खर्च में बढ़ोतरी होती है. इन डॉक्टरों को बिना उचित जांच के फर्जी तरीके से आयुष्मान भारत कार्ड जारी किया जाता है.
आयुष्मान भारत योजना में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार और संबंधित एजेंसियां सख्त नियम और निगरानी तंत्र लागू कर रही हैं.
इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, डेटा विश्लेषण, और जालसाजी की जांच जैसे उपाय किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने एक राष्ट्रीय एंटी-फ्रॉड यूनिट (एनएएफयू) स्थापित की है, जो राज्यों के एंटी-फ्रॉड यूनिट्स (एसएएफयू) के साथ तालमेल बिठाकर काम करती है.
ये यूनिट्स धोखाधड़ी की जांच करती हैं और अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं. इसमें कार्रवाई की सूचना, चेतावनी पत्र, अस्पतालों की डिम्पेलमेंट और फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना आदि शामिल हैं.
धोखाधड़ी को रोकने के लिए तकनीकी उपायों का भी उपयोग किया जा रहा है. इसमें एआई और मशीन लर्निंग तकनीकें बड़े डेटा की निगरानी करती हैं और संदिग्ध लेन-देन को पहचानती हैं. -सभी अस्पतालों में भर्ती और छुट्टी के समय आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की सुविधा प्रदान की गई है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना को कम किया जा सके.
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