बनारस बना भारत का ‘इंजन एक्सपोर्ट हब’, अब दौड़ेंगे अफ्रीका की पटरियों पर

Banaras Railway Engine Factory: बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने मोजाम्बिक को 3300 हॉर्स पावर वाले 10 डीजल-इलेक्ट्रिक इंजनों का ऑर्डर प्राप्त किया है. इनमें से दो इंजन भेजे जा चुके हैं और आठ दिसंबर 2025 में भेजे जाएंगे. इससे पहले भी बरेका ने कई देशों को इंजन सफलतापूर्वक निर्यात किए हैं.

By Abhishek Pandey | June 29, 2025 1:30 PM
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Banaras Railway Engine Factory: बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब बात ताकतवर और तकनीकी रूप से एडवांस इंजन बनाने की हो, तो भारत पीछे नहीं है. इस बार बरेका ने मोजाम्बिक के लिए खास 3300 हॉर्स पावर वाले डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव तैयार किए हैं. दो इंजन पहले ही मोजाम्बिक के लिए रवाना हो चुके हैं और बाकी के आठ दिसंबर में भेजे जाएंगे.

पहले भी मोजाम्बिक को भेजे थे इंजन

बात 2021-22 और 2022-23 की करें, तो बरेका ने मोजाम्बिक की रेलवे कंपनी CFM को 6 डीजल इंजन सप्लाई किए थे, जिनकी ताकत 3000 हॉर्स पावर थी. वो सभी इंजन फिलहाल मोजाम्बिक की पटरियों पर शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी भरोसे के चलते मोजाम्बिक रेलवे ने अब 10 नए इंजन का ऑर्डर दिया है.

पहले भी मोजाम्बिक को भेजे थे इंजन

बात 2021-22 और 2022-23 की करें, तो बरेका ने मोजाम्बिक की रेलवे कंपनी CFM को 6 डीजल इंजन सप्लाई किए थे, जिनकी ताकत 3000 हॉर्स पावर थी. वो सभी इंजन फिलहाल मोजाम्बिक की पटरियों पर शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी भरोसे के चलते मोजाम्बिक रेलवे ने अब 10 नए इंजन का ऑर्डर दिया है.

Banaras Railway Engine Factory: जानिए इंजन में क्या है खास

बरेका के जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार के मुताबिक, इन इंजनों की खासियत सिर्फ ताकत ही नहीं है, बल्कि तकनीक और सुविधाओं में भी ये शानदार हैं. ये इंजन 1067 मिमी केप गेज पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकते हैं. और सिर्फ इंजन ही नहीं, ड्राइवर की कंफर्ट का भी पूरा ध्यान रखा गया है. कैब के अंदर मिलते हैं रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर, मॉडर्न कैब डिजाइन और यहां तक कि टॉयलेट की सुविधा भी. मतलब, इंजन तो तेज चलेगा ही, लेकिन जो चलाएगा उसकी भी थकान नहीं होगी.

कहां-कहां जाते हैं बरेका के इंजन?

मोजाम्बिक तो अभी की बात है. बरेका ने इससे पहले तंजानिया, वियतनाम, म्यांमार, माली, अंगोला, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया और सूडान जैसे देशों को भी इंजन सप्लाई किए हैं. अब तक 10,000 से ज्यादा लोकोमोटिव भारतीय रेलवे, स्टील प्लांट्स, पोर्ट्स और इंटरनेशनल ऑर्डर्स के लिए बनाए जा चुके हैं.

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