इन्वेस्टमेंट एडवाइजर और रिसर्च एनालिस्ट्स को बड़ी राहत, सेबी ने दी इस काम की इजाजत

SEBI: सेबी ने निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट को बड़ी राहत देते हुए एक साल तक अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति दी है. नए नियमों के तहत ग्राहक की सहमति से आईए और आरए अग्रिम भुगतान ले सकते हैं.

By KumarVishwat Sen | March 24, 2025 9:16 PM
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SEBI: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेश सलाहकारों (Investment Advisors) और शोध विश्लेषकों (Research Analysts) को बड़ी राहत दी है. अब उन्हें अपने ग्राहकों से एक साल तक का अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति मिल गई है. यह फैसला निवेश उद्योग की प्रमुख चिंताओं को दूर करने के लिए लिया गया है, जिससे पूंजी बाजार में पारदर्शिता और बेहतर सेवाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी.

अब ले सकेंगे सालभर का अग्रिम शुल्क

वर्तमान में SEBI के नियमों के तहत निवेश सलाहकार केवल छह महीने और शोध विश्लेषक तीन महीने तक का अग्रिम शुल्क ले सकते थे. इससे उनकी व्यावसायिक स्थिरता और लंबी अवधि की योजना बनाने में दिक्कत हो रही थी. SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों की अग्रिम शुल्क सीमा बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी. इसे ध्यान में रखते हुए अब ग्राहकों की सहमति से एक साल तक की अवधि के लिए अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति दी गई है.

किन ग्राहकों पर लागू होंगे नए नियम?

SEBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि नए शुल्क नियम केवल व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) ग्राहकों पर लागू होंगे. इसमें कुछ शर्तें लागू होंगी.

  • शुल्क सीमा और भुगतान विधि पर नियमन लागू रहेगा.
  • धन वापसी से जुड़ी अनुपालन आवश्यकताओं का पालन करना होगा.

हालांकि, गैर-व्यक्तिगत ग्राहक, मान्यता प्राप्त निवेशक और संस्थागत निवेशकों के लिए शुल्क संबंधी नियम आपसी समझौते पर निर्भर करेंगे.

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SEBI का कदम क्यों है महत्वपूर्ण?

SEBI ने पिछले कुछ वर्षों में निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट्स से जुड़े नियमों को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं.

  • नए नियम निवेश सलाहकारों की वित्तीय स्थिरता बढ़ाने में मदद करेंगे.
  • ग्राहकों को बेहतर निवेश योजनाएं और शोध-आधारित सलाह मिल सकेगी.
  • संभावित निवेशकों को भी अधिक भरोसेमंद सेवाएं प्राप्त होंगी.

SEBI का यह कदम न केवल निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट्स के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि इससे पूंजी बाजार में पेशेवर सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी.

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