मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद यह फैसला किया गया कि देश में 5जी नेटवर्क के निर्माण में चीनी कंपनी की भागीदारी को खत्म किया जाएगा. ब्रिटेन की जॉनसन सरकार ने यह फैसला राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद किया है. चीनी कंपनी हुआवेई पर डेटा चोरी और गुप्त सूचनाओं को लीक करने का आरोप है.
ब्रिटेन के संस्कृति सचिव ओलिवर डाउडेन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका के प्रतिबंध के बाद हुआवेई की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गयी हैं. 5जी नेटवर्क में हुआवेई की मौजूदगी से देश की सुरक्षा को खतरा पहुंच सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन को भरोसा नहीं है कि हुआवेई अपने उपकरणों की सुरक्षा को लेकर कोई गांरटी दे पाएगी.
चीनी टेलिकॉम कंपनी हुआवेई पर अमेरिका ने इसी साल 30 जून को प्रतिबंध लगाया था. यूएस फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन ने 5-0 से मतदान कर चीन की टेक कंपनी हुआवेई और जेडटीई को राष्ट्रीय खतरा बताया था. इसके साथ ही, अमेरिकी कंपनियों को उपकरण खरीदने को लेकर मिलने वाले 8.3 अरब डॉलर के फंड को ट्रंप सरकार ने रोक दिया था. अमेरिकी दूरसंचार विनियामक ने नवंबर में ही इसे लेकर 5-0 से मतदान किया था.
Also Read: ब्रिटेन में 5जी नेटवर्क में चीन की कंपनी हुआवेई के पर कतरने की तैयारी
Posted By : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.