Home Badi Khabar बजट 2022 : बजट से बीमा के क्षेत्र से जुडे विशेषज्ञों की क्या है उम्मीदें, 80 डी के तहत और छूट की मांग

बजट 2022 : बजट से बीमा के क्षेत्र से जुडे विशेषज्ञों की क्या है उम्मीदें, 80 डी के तहत और छूट की मांग

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बजट 2022 : बजट से बीमा के क्षेत्र से जुडे विशेषज्ञों की क्या है उम्मीदें, 80 डी के तहत और छूट की मांग

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. केंद्रीय बजट 2022-23 से ढेर सारी उम्मीदें हैं. इस बार का बजट बेहद खास रहने वाला है क्योकिं बजट ऐसे समय में आ रहा है जब देश कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से लड़ रहा है.

देश में लोगों को बीमा के प्रति जागरुक करने की जरूरत 

देश में लोग बीमा को लेकर ज्यादा जागरुक हुए हैं. सरकार भी इस बजट में बीमा और आयकर छूट को लेकर फैसला ले सकती है. देश में कोरोना संक्रमण जैसी गंभीर बीमारी ने लोगों को जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा को लेकर जागरुकता बढ़ायी है.

इस संबंध में अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने फ्यूचर जेनेराली इंडिया इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ अनूप राव से भी इसे समझने की कोशिश की उन्होंने कहा, केंद्र स्वयं और परिवार के लिए सेक्शन 80डी के तहत स्वास्थ्य कवर की सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 1. 5 लाख रुपये करने पर विचार कर सकता है. सरकार का यह फैसला इसलिए भी बेहतर हो सकता है कि क्योंकि सरकार के इस प्रयास से बीमा को प्रोत्साहन मिलेगा.

बढ़ती महंगाई के साथ गंभीर बीमारी का खर्च उठाना मुश्किल 

उन्होंने कहा: “बढ़ती चिकित्सा लागत और गंभीर बीमारियों की घटनाओं में वृद्धि इसे मध्यम-आय और निम्न-आय वर्ग के लिए महंगे इलाज का खर्च उठा पाना संभव नहीं होता. अगर सरकार इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कोई बड़ा फैसला लेती है और कर में और ज्यादा छूट मिलता है तो इस दिशा में बेहतर काम हो सकता है.

अन्य निवेशों के साथ बीमा में निवेश को ना जोड़ने की मांग

इस क्षेत्र से जुड़े दूसरे दिग्गज भी यही सलाह देते हैं इस पर इस उत्पाद के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को अन्य निवेशों के साथ विलय नहीं किया जाना चाहिए जो कि 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं एक विकल्प के रूप में, वित्त मंत्रालय को इस श्रेणी के लिए एक अलग प्रावधान करना चाहिए.

कटौती के लिए एक अलग खंड बनाने की मांग

जीवन बीमा पर लिया जाने वाला फैसला एक बड़ा सुधार साबित हो सकता है. दूसरी जगहों पर निवेश के मुकाबले इसका दायरा छोटा है जो 80C प्रावधान के अंतर्गत आता है. इस वक्त सभी वित्तीय खरीद को एक ही I-T कटौती खंड (80C) के तहत जोड़ा जाता है, जिसकी सीमा 1. 5 लाख रुपये है. बीमा के क्षेत्र के विशेषज्ञों की मांग है कि बजट जीवन बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर कर कटौती के लिए एक अलग खंड बनाने पर विचार हो.

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