18 जून को राजस्व सचिव के साथ बैठक
उद्योग जगत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व परामर्श से पहले 18 जून को राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा के साथ बैठक होगी. वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का आर्थिक एजेंडा तय किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मुद्रास्फीति को नुकसान पहुंचाए बिना वृद्धि को गति देने के उपायों पर विचार करेंगी. इसके साथ ही, गठबंधन सरकार की मजबूरियों को पूरा करने के लिए संसाधन तलाशेंगी.
तय होगा आर्थिक एजेंडा
सूत्र बताते हैं कि उद्योग मंडलों के साथ होने वाली बैठक में वित्त मंत्री आर्थिक एजेंडा पर बातचीत करेंगी. इस आर्थिक एजेंडे में निकट भविष्य में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक देश को ‘विकसित भारत’ में बदलने के लिए तेजी से सुधार लाने के कदम शामिल होंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान के अनुसार, ग्रामीण मांग में सुधार और मुद्रास्फीति में नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है.
सीआईआई ने आयकर में राहत देने की मांग की
इसके साथ ही, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूर्ण बजट में निचले स्लैब के करदाताओं को आयकर में राहत देने की मांग की है. उनका कहना है कि 2024-25 के पूर्ण बजट में मुद्रास्फीति के उच्चस्तर को देखते हुए सबसे निचले स्लैब के लोगों के लिए आयकर में राहत पर विचार करने की जरूरत है.
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जमीन, श्रम, बिजली और कृषि क्षेत्र में सुधार का सुझाव
इसके साथ ही सीआईआई के अध्यक्ष संजय पुरी ने भूमि, श्रम, बिजली और कृषि से संबंधित सभी सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति बनाने को एक संस्थागत मंच बनाने का भी सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सुधारों में बाधक बनेंगी. इसके बजाय उनका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन और पिछले दो कार्यकाल में नीतियों की सफलता इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आधार तैयार करेगी.
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