Cab Fare Hike: बढ़ गया कैब का किराया, पीक ऑवर में देना होगा दोगुना पैसा

Cab Fare Hike: सरकार ने नई मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 जारी की है, जिसके तहत पीक ऑवर में कैब कंपनियां अब मूल किराए का दो गुना तक वसूल सकेंगी. गैर व्यस्त समय में न्यूनतम 50% किराया तय किया गया है. ड्राइवर और यात्री दोनों पर अनुचित रद्दीकरण पर जुर्माना लगेगा. ड्राइवरों के लिए बीमा अनिवार्य होगा और 8 साल से पुराने वाहन सेवा में नहीं रहेंगे. यह दिशा-निर्देश राज्यों को तीन महीने में लागू करने होंगे.

By KumarVishwat Sen | July 2, 2025 4:56 PM
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Cab Fare Hike: कैब से सफर करने वाले सावधान हो जाएं. व्यस्ततम समय में कैब से सफर करने पर अब उन्हें दोगुना किराया देना होगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश-2025 के तहत एक अहम निर्णय लिया है. अब कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां यानी एग्रीगेटर्स व्यस्ततम समय (पीक ऑवर) में यात्रियों से मूल किराए का अधिकतम दो गुना तक शुल्क ले सकेंगी. पहले यह सीमा 1.5 गुना निर्धारित थी. वहीं, गैर पीक ऑवर में किराया, आधार मूल्य का न्यूनतम 50% होगा.

तीन किलोमीटर के लिए लागू होगा आधार किराया

नई गाइडलाइंस के अनुसार, प्रभार्य आधार किराया न्यूनतम तीन किलोमीटर की दूरी के लिए मान्य होगा. इसका उद्देश्य ‘डेड माइलेज’ यानी बिना यात्री के वाहन की यात्रा, यात्रियों को लेने जाने में खर्च हुए ईंधन और दूरी की भरपाई करना है.

राज्य सरकारें तय करेंगी आधार किराया

एग्रीगेटर्स को राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित वाहन श्रेणी के अनुसार आधार किराया लागू करना होगा. मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे तीन महीने के भीतर इन नए दिशा-निर्देशों को लागू करें.

रद्दीकरण पर ड्राइवर और यात्री दोनों पर लगेगा जुर्माना

अगर ड्राइवर या यात्री बिना वैध कारण के बुकिंग रद्द करता है तो दोनों पर किराए का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा. हालांकि, यह जुर्माना 100 रुपये से अधिक नहीं हो सकता.

लाइसेंसिंग में सुधार, मिलेगा पांच साल का लाइसेंस

सरकार अब एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए सिंगल विंडो पोर्टल तैयार करेगी. लाइसेंस शुल्क 5 लाख रुपये तय किया गया है और इसकी वैधता 5 साल की होगी. यह पहल लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने की दिशा में कदम है.

ड्राइवरों के लिए बीमा अनिवार्य

दिशानिर्देशों में यह भी साफ किया गया है कि एग्रीगेटर्स को अपने ड्राइवरों के लिए कम से कम 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा और 10 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस देना अनिवार्य होगा. इससे ड्राइवरों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूती मिलेगी.

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शिकायत अधिकारी और 8 साल से पुराने वाहन नहीं

हर एग्रीगेटर को एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा. इसके साथ ही, वे ऐसे वाहनों को शामिल नहीं कर सकते जो 8 साल से अधिक पुराने हों. यह कदम यात्री सुरक्षा और सेवा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी माना जा रहा है. नई गाइडलाइंस से उम्मीद की जा रही है कि कैब सेवा उद्योग में पारदर्शिता, गुणवत्ता और यात्रियों की सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सकेगा. साथ ही, ड्राइवरों के अधिकारों और सुविधाओं को भी मजबूती मिलेगी.

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