उधर, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि एसबीआई के पास यस बैंक के जो भी शेयर हैं, उसमें से एक भी शेयर तीन साल की तय बंधक सीमा से पहले बेचा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि स्टेट बैंक दूसरे दौर के पूंजी समर्थन में यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी 42 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करेगा. एसबीआई और कुछ अन्य निजी बैंकों ने पुनर्गठन योजना के तहत बैंक में निवेश किया है.
बता दें कि रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा था कि आगामी बुधवार से निजी क्षेत्र का यस बैंक पर लगी पाबंदी हटा दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि आगामी 26 मार्च से बैंक का नया बोर्ड कामकाज संभाल लेगा. लोगों का पैसा सुरक्षित है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. आरबीआई गवर्नर ने लोगों को भरोसा देते हुए कहा कि देश का बैंकिंग सेक्टर मजबूत और सुरक्षित हाथों में है. निजी क्षेत्र के बैंकों का अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता में अहम योगददान है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि यस बैंक के पास पैसों की कोई कमी नहीं है और अगर जरूरत पड़ी, तो आरबीआई तरलता बढ़ाने में बैंक की मदद भी करेगा. उन्होंने कहा कि यस बैंक एक बार फिर जोरदार तरीके से वासी करेगा और जमाकर्ताओं को किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है.
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