पीएमओ ने पिछले सप्ताह ही आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समूह का गठन किया था. यह समूह दैनिक आधार पर स्थिति की समीक्षा कर रहा है. यह समूह न केवल अर्थव्यवस्था के दर्दनाक पहलू को देख रहा है, बल्कि लॉकडाउन की वजह से रोजी रोजगार से हाथ धो बैठे लोगों की जरूरतों पर भी गौर कर रहा है.
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कमेटी में काम कर रहे दो लोगों ने बताया कि यह घोषणा जल्द ही होगी और सरकार कामगार मजदूर, छोटे उद्योग वाले सभी लोगों को राहत देगी. कमेटी के एक सदस्य ने बताया, इस फंड का उद्देश्य छोटे अद्योगिक इकाइयों को पटरी पर लाने की है. साथ ही जो मजदूर और किसान दिहाड़ी पर काम करते हैं उनको राहत देने की योजना है.
1.70 लाख करोड़ का पैकेज– इससे पहले, केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के चलते 1.70 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित किया था. सरकार ने अपने घोषणा में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीब लोगों मुफ्त में राशन और राहत पैसे देने की बात कही है. साथ ही इनकम टैक्स भरने की तिथि से में लोगों को छूट दी गयी है.
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लॉकडाउन के हिसाब से फैसला– आधिकारिक सूत्रों की मानें तो सरकार दूसरी राहत पैकेज की घोषणा लॉकडाउन के हिसाब से करेगी. माना जा रहा है कि लॉकडाउन कि अवधि 15 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है.
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