क्रिप्टोकरेंसी की हो गई चोरी, 6 महीनों में चारों ने 2.17 अरब डॉलर पर किया हाथ साफ

Cryptocurrency Theft: क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की घटनाओं से प्रभावित देशों की सूची लंबी होती जा रही है. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स पर भी एक बड़ा हमला हुआ. ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म ‘चैनालिसिस’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक्सचेंज के एक साझेदार खाते में अनधिकृत पहुंच प्राप्त की गई थी, जिसे कंपनी ने शनिवार को पहचाना.

By KumarVishwat Sen | July 22, 2025 6:08 AM
an image

Cryptocurrency Theft: क्रिप्टोकरेंसी की चोरी… आभासी डिजिटल मुद्रा क्रिप्टोकरेंसी की चोरी. आपको यह पढ़कर कुछ अजीब लग रहा है? लगना भी चाहिए. यह कोई गप नहीं, बल्कि हकीकत है. चोरों ने आभासी मुद्रा पर ही हाथ साफ कर दिया. यह बात ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म ‘चैनालिसिस’ की नई रिपोर्ट में कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2025 की पहली छमाही में साइबर हमलों के जरिए 2.17 अरब डॉलर (करीब 18,100 करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसी चोरी हो चुकी है. यह आंकड़ा न केवल 2024 के पूरे वर्ष की तुलना में अधिक है, बल्कि अब तक के सबसे खराब साल 2022 से भी 17% ज्यादा है.

बाईबिट की हैकिंग सबसे बड़ी

2025 की अब तक की कुल चोरी में सबसे बड़ा हिस्सा बाईबिट एक्सचेंज की हैकिंग का है, जिसमें अकेले 1.5 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी हुई. यह इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टो हैकिंग बन गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर अपराधियों ने बाईबिट की सुरक्षा प्रणाली में गंभीर खामियों का फायदा उठाया.

कॉइनडीसीएक्स भी बना निशाना

हाल ही में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स पर भी एक बड़ा हमला हुआ, जिसमें लगभग 4.4 करोड़ डॉलर (करीब 378 करोड़ रुपये) की चोरी हुई. रिपोर्ट में बताया गया है कि एक्सचेंज के एक साझेदार खाते में अनधिकृत पहुंच प्राप्त की गई थी, जिसे कंपनी ने शनिवार को पहचाना.

हैकिंग से परेशान देश

क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की घटनाओं से प्रभावित देशों की सूची लंबी होती जा रही है. अमेरिका, जर्मनी, रूस, कनाडा, जापान, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया जैसे देश प्रमुख रूप से इन साइबर हमलों से जूझ रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत साइबर सुरक्षा कानून और ब्लॉकचेन ट्रेसिंग की जरूरत तेजी से महसूस की जा रही है.

इसे भी पढ़ें: दुकानदारों के नाम-पता जानने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और राज्यों सरकारों को भेजा नोटिस

क्या कहती है रिपोर्ट

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर साइबर सुरक्षा उपायों को और मजबूत नहीं किया गया, तो 2025 के अंत तक यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. इसके साथ ही पारंपरिक वित्तीय बाजारों की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में पारदर्शिता और निगरानी की कमी को एक बड़ा खतरा बताया गया है.

इसे भी पढ़ें: Exclusive Interview: 2047 तक भारत को बनना है विकसित देश, तो 8% सालाना रखना होगा वृद्धि दर

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version