सीमा शुल्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसे 18 मामलों की जांच चल रही है, जो करीब 170 करोड़ रुपये मूल्य के माल से संबंधित हैं. अधिकारी ने इनके काम करने के तरीके की जानकारी देते हुए कहा कि इन व्यावसायिक धोखाधड़ी में ऐसे ऑरपेटरों को संलिप्त पाया गया, जो एक बार आयात या निर्यात करते हैं और फिर गायब हो जाते हैं. ये धोखाधड़ी व्यापार आधारित धन की हेराफेरी (Money laundering) का हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे ऑपरेटर अपनी कंपनियों को दिल्ली के सीलमपुर और उत्तम नगर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में पंजीकृत कराते हैं, ताकि अवैध निर्यात कर सकें और सीमा शुल्क विभाग की पकड़ में आसानी से आने से बच सकें. अधिकारी ने कहा कि सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जांच के तहत इन खेपों के माध्यम से निर्यात किये जा रहे सामान मुख्य रूप से तैयार वस्त्र और वाहनों के कलपुर्जे थे. इन सभी मामलों में खेप कराची (पाकिस्तान), दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) और विभिन्न अफ्रीकी देशों के लिए थीं.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. सीमा शुल्क (निवारक) दिल्ली आयुक्तालय द्वारा की गयी कार्रवाई का विवरण देते हुए अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 143 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया गया, जो 2018-19 के दौरान अर्जित 66 करोड़ रुपये से 116 फीसदी अधिक था.
अधिकारियों ने कहा कि इन 143 करोड़ रुपये में से 45 करोड़ रुपये निवारक कार्रवाई यानी सोने की तस्करी, आयात में धोखाधड़ी और सामानों के अवमूल्यन के मामलों की जांच करके प्राप्त हुए थे. इसके अलावा, आठ करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व दिल्ली सीमा शुल्क निवारक आयुक्तालय द्वारा अप्रैल-जून, 2020 के दौरान प्रतिबंधात्मक गतिविधियों के माध्यम से प्राप्त किया गया.
Posted By : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.