कैश एक्सचेंजर बने ठग, पकड़ाया बैग भर पैसा
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मीटिंग के दौरान कैश पर मामला अटकने के बाद वहां मौजूद कुछ लोग खुद को “कैश एक्सचेंजर” बताने लगे. उन्होंने इस समस्या का एक समाधान पेश किया. उन लोगों कहा कि हमारे पास अभी 40 लाख रुपये नकद हैं. उन्होंने फ्लैट के बाहर उस शख्स को एक बैग थमाया और दावा किया कि इसमें पूरे 40 लाख रुपये रखे हैं. विश्वास इतना मजबूत कराया गया कि शख्स ने तुरंत ही उनके बैंक अकाउंट में 40 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए.
घर जाकर खुली असलियत की परतें
जब वह व्यक्ति बैग लेकर घर पहुंचा और खोला, तो होश उड़ गए. नोट असली नहीं थे. उन पर “मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया” छपा था. यानी जो रकम उसने दी थी, उसके बदले उसे नकली और फर्जी नोटों से भरा बैग थमा दिया गया था. उसने तुरंत ही सीआर पार्क थाने में 6 जुलाई को शिकायत दर्ज करवाई.
पुलिस ने जाल बिछाकर चार आरोपी दबोचे गए
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने शिकायत मिलते ही जांच शुरू की. जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उनकी पूरी जानकारी निकाली गई. 9 जुलाई को पुलिस को खबर मिली कि ये गिरोह सैदुलाजाब के एक फ्लैट में इसी तरह की एक और धोखाधड़ी करने वाला है. दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान के नेतृत्व में पुलिस ने फ्लैट पर छापा मारा और तीन आरोपी निखिल, प्रिंस पाल और परवेज को गिरफ्तार कर लिया. अगले ही दिन उनकी निशानदेही पर चौथे आरोपी असगर खान को भी दबोच लिया गया.
नोट गिनने की मशीन से जीतते थे भरोसा
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे गिरोह की चालाकी यहां खत्म नहीं होती. पुलिस ने बताया कि ये लोग नोट गिनने की मशीन का इस्तेमाल करते थे. शुरुआत में वे 500 के नोटों का एक बंडल गिनवाते थे, जो असली होता था. ग्राहक को भरोसा हो जाता कि सारा पैसा असली है. इसके बाद बाकी बंडलों में ‘मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया’ के नोट भर दिए जाते और गिनने का नाटक करके बैग सौंप दिया जाता.
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पहले भी कर चुके हैं करोड़ों की ठगी
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों के पास से 1.25 करोड़ रुपये के नकली नोट, 7.5 लाख रुपये नकद और एक नोट गिनने की मशीन बरामद की है. जांच में खुलासा हुआ कि ये गिरोह पहले भी इसी तरह की कई बड़ी ठगी कर चुका है. पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह इससे पहले तुगलकाबाद में दो बार एक बार 1 करोड़ और दूसरी बार 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है. छतरपुर में भी इनका नाम एक अन्य केस में जुड़ा है.
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