Economic Growth: आर्थिक गतिविधियों में आ रही तेजी, महत्वपूर्ण आंकड़े दे रहे संकेत

Economic Growth: आरबीआई बुलेटिन 2025 के अनुसार, भारत में आर्थिक गतिविधियों में तेजी के संकेत मिल रहे हैं. वाहन बिक्री, हवाई यातायात और इस्पात खपत जैसे आंकड़े देश की आर्थिक मजबूती को दर्शा रहे हैं.

By KumarVishwat Sen | February 19, 2025 10:56 PM
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Economic Growth: भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी के मजबूत संकेत मिल रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फरवरी 2025 बुलेटिन के अनुसार, वाहन बिक्री, हवाई यातायात, इस्पात खपत और जीएसटी ई-वे बिल जैसे आंकड़े आर्थिक सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं.

आर्थिक विकास को गति देने वाले कारक

आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहने की उम्मीद है। इसमें प्रमुख कारकों का जिक्र किया गया है.

  • ग्रामीण और शहरी मांग में सुधार: कृषि क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन से ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलेगा. आयकर में राहत और मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण खर्च योग्य आय में वृद्धि होगी, जिससे शहरी मांग को बल मिलेगा.
  • बजट 2025-26 के प्रभाव: राजकोषीय मजबूती और विकास लक्ष्यों के बीच संतुलन बनाते हुए पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) पर जोर दिया गया है. एमएसएमई सेक्टर, निर्यात वृद्धि और निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में कई महत्वपूर्ण उपाय किए गए हैं.
  • मौद्रिक नीति और ब्याज दरों में संभावित कटौती: रेपो रेट कटौती (Repo Rate Cut) से घरेलू मांग में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक गतिविधियां और बढ़ सकती हैं.

वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारतीय बाजार पर प्रभाव

आरबीआई बुलेटिन में यह भी बताया गया है कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां भी भारत पर प्रभाव डाल रही हैं.

  • अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मजबूती और डॉलर की मजबूती से उभरती अर्थव्यवस्थाओं से पूंजी निकासी बढ़ सकती है.
  • महंगाई दर में गिरावट की धीमी गति और वैश्विक व्यापार नीतियों का असर भारतीय बाजार पर हो सकता है.
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली का दबाव और डॉलर की मजबूती के कारण मुद्रा विनिमय दर में गिरावट देखी जा रही है.

आरबीआई के आर्थिक गतिविधि सूचकांक के संकेत

इकोनॉमिक एक्टविटी इंडेक्स (EAI) को डायनामिक फैक्टर मॉडल के जरिए 27 उच्च आवृत्ति संकेतकों से विकसित किया गया है.

  • प्रमुख संकेतक जैसे कि वाहन बिक्री, हवाई यातायात, और इस्पात खपत आर्थिक गतिविधियों में तेजी दिखा रहे हैं.
  • चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि का संकेत मिल रहा है और आगे भी यह गति जारी रहने की संभावना है.

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आर्थिक गतिविधियों में सुधार

आरबीआई के फरवरी बुलेटिन में आर्थिक गतिविधियों में सुधार और आर्थिक वृद्धि की संभावना को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखा गया है.

  • बजट 2025-26 में उठाए गए कदमों से ग्रामीण और शहरी मांग में बढ़ोतरी होगी.
  • रेपो दर में संभावित कटौती से घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा.
  • वाहन बिक्री, इस्पात खपत, और जीएसटी कलेक्शन जैसे आंकड़े आर्थिक गतिविधियों में मजबूती का संकेत दे रहे हैं.
  • वैश्विक बाजार की अस्थिरता और अमेरिकी डॉलर की मजबूती से कुछ चुनौतियां भी बनी रह सकती हैं.

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