Economic Survey: भारत में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से चलाई जा रही पेंशन योजनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) जैसी योजनाओं के चलते मौजूदा वित्त वर्ष में पेंशन क्षेत्र में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है.
कुल अंशधारकों में बड़ी वृद्धि
आर्थिक समीक्षा 2024-25 के अनुसार, सितंबर 2024 तक पेंशन योजनाओं से जुड़े कुल अंशधारकों की संख्या 16% बढ़कर 7.83 करोड़ हो गई. पिछले वर्ष, यानी सितंबर 2023 में यह संख्या 6.75 करोड़ थी. इस वृद्धि से साफ होता है कि लोग अपनी भविष्य की सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं.
अटल पेंशन योजना में भागीदारी बढ़ी
पेंशनधारकों में सबसे अधिक योगदान अटल पेंशन योजना (APY) का रहा. सितंबर 2024 तक एपीवाई के तहत लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 6.29 करोड़ हो गई, जो मार्च 2023 में 5.38 करोड़ थी. इसमें एपीवाई के पहले के संस्करण ‘एनपीएस लाइट’ के आंकड़े भी शामिल किए गए हैं.
एपीवाई का व्यापक योगदान
कुल पेंशनधारकों में अटल पेंशन योजना के लाभार्थियों की हिस्सेदारी 80.3% रही. इसका मतलब है कि अधिकांश लोग इस योजना को अपनाकर अपनी सेवानिवृत्ति को सुरक्षित कर रहे हैं. इस योजना की सफलता का कारण इसकी सरलता और सरकारी गारंटी है, जो लोगों को आकर्षित कर रही है.
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महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
पेंशन योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी भी तेजी से बढ़ी है. आर्थिक समीक्षा के अनुसार, अटल पेंशन योजना में महिला अंशधारकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 52% हो गई, जबकि 2015-16 में यह केवल 37.9% थी. यह दर्शाता है कि महिलाएं भी अब अपनी आर्थिक सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क हो रही हैं और पेंशन योजनाओं से जुड़ रही हैं.
युवाओं की रुचि में वृद्धि
युवा वर्ग में भी पेंशन योजनाओं के प्रति रुचि बढ़ी है. 18 से 25 वर्ष के आयु वर्ग में अटल पेंशन योजना के तहत भागीदारी 2023-24 में बढ़कर 45.5% हो गई, जबकि 2015-16 में यह केवल 29.2% थी. इससे यह स्पष्ट होता है कि अब युवा भी अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं.
पेंशन योजनाओं का भविष्य
सरकार की इन योजनाओं से पेंशन क्षेत्र को मजबूती मिली है और लोगों को सामाजिक सुरक्षा का एक ठोस आधार मिला है. अटल पेंशन योजना और एनपीएस जैसी योजनाओं की लोकप्रियता दर्शाती है कि लोग अपनी सेवानिवृत्ति को लेकर अधिक सतर्क हो रहे हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं.
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