क्रिप्टोकरेंसी पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 1,646 करोड़ रुपये की आभासी मुद्रा जब्त

ED Crypto Seizure: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की. ईडी ने जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसी को अपने विशेष क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया है.

By KumarVishwat Sen | February 15, 2025 10:39 PM
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ED Crypto Seizure: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है. यह जब्ती एक धोखाधड़ी निवेश योजना की जांच के दौरान की गई, जिसमें निवेशकों को प्रतिभूति निवेश के नाम पर धोखा दिया गया था.

ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश

ईडी के अहमदाबाद कार्यालय ने ‘बिटकनेक्ट लोन प्रोग्राम’ से जुड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया. इस घोटाले में निवेशकों को बंपर रिटर्न देने का लालच देकर क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पैसे निवेश करवाए गए थे. एजेंसी ने हाल ही में तलाशी अभियान के तहत 13.50 लाख रुपये नकद, एक कार और कई डिजिटल उपकरण भी जब्त किए हैं.

नवंबर 2016 से जनवरी 2018 के बीच हुई धोखाधड़ी

यह मामला सूरत पुलिस अपराध शाखा की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें बताया गया कि यह धोखाधड़ी नवंबर 2016 से जनवरी 2018 के बीच हुई थी. जांच में सामने आया कि नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में लोग इस फर्जी निवेश योजना का शिकार हुए थे.

डार्क वेब के जरिए हुआ था लेन-देन

ईडी ने अपनी टेक्नोलॉजी टीम की मदद से कई क्रिप्टो वॉलेट्स और ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शंस की जांच की. रिपोर्ट के मुताबिक, इस धोखाधड़ी में लेन-देन डार्क वेब के जरिए किए गए थे, जिससे ट्रांजेक्शन ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो गया था.

अब तक 2,135 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

ईडी ने पहले भी इस मामले में 489 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. इस नए जब्ती के साथ, इस घोटाले से जुड़ी कुल जब्त संपत्ति 2,135 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.

अमेरिका तक फैला मामला

इस घोटाले में विदेशी नागरिकों के निवेश की भी पुष्टि हुई है. सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी अमेरिका में जांच के दायरे में है और वहां की संघीय एजेंसियां भी इस पर कार्रवाई कर रही हैं.

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ईडी की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी जब्ती

ईडी ने जब्त की गई 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी को अपने विशेष क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया है. यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी वर्चुअल डिजिटल संपत्ति की जब्ती मानी जा रही है. इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि भारत सरकार और ईडी क्रिप्टो फ्रॉड पर सख्त रुख अपना रही है और आगे भी डिजिटल लेन-देन पर कड़ी नजर रखी जाएगी.

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